अमित शाह की नई टीम बनने के बाद बीजेपी में विरोध का पहला स्वर फूटा है. मध्य प्रदेश के मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते महासचिव नहीं बनाए जाने से नाराज हैं. कुलस्ते ने पार्टी को अपने रुख के बारे में बता दिया है. उनका कहना है कि वो चाहते थे कि उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया जाए लेकिन लगातार चौथी बार उन्हें अनुसूचित जनजाति मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया गया.
फग्गन सिंह कुलस्ते का कहना है, 'मेरी कोई नाराजगी नहीं है. मैं हमेशा से उत्साह से काम करता हूं. मुझे चौथी बार यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. लोगों का मानना है कि एक ही व्यक्ति के ऊपर लगातार चौथी बार यह जिम्मेदारी सौंपना सही नहीं है. लोग बदलाव चाहते हैं. पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता को भी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. जो भी इस पद पर आएगा मैं उसकी मदद के लिए रहूंगा. मैंने पार्टी को साफ कहा है कि मुझे कोई और जिम्मेदारी दी जा सकती है. अगर उन्हें लगता है कि मेरी कोई उपयोगिता नहीं है तो वह भी ठीक है. मैं सांसद हूं और उस जिम्मेदारी को निभाउंगा.'
आपको बता दें कि फग्गन सिंह कुलस्ते पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीते हैं. वोट फॉर नोट कांड में नाम आने के बाद वह कई दिनों तक सूर्खियों में छाए रहे. संसद के अंदर उन्होंने भी नोट की गड्डियां लहराई थीं.
गौरतलब है कि बीजेपी के नए अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को ही अपनी नई टीम का ऐलान किया. इस टीम में 11 उपाध्यक्ष और आठ महासचिव शामिल किए गए हैं.