अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती को सुप्रीम कोर्ट के कुछ उच्चस्तरीय मामलों के संबंध में कथित तौर पर एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की महिला कर्मचारी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की आवाज की नकल कर फोन किया था जिसके बाद वाहनवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अटॉर्नी जनरल के फोन पर जो नंबर आया वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के दफ्तर के एक्सचेंज का था. कुल मिलाकर वाहनवती को सात फोन कॉल किये गये. सूत्रों ने बताया कि शुरूआत में सोनिया गांधी बनकर फोन किया गया और बाद में फोन पर दावा किया गया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के दफ्तर से बोल रही है.
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता के साथ जांच की जिसके बाद अटॉर्नी जनरल ने सरकार को जानकारी दी. सरकार ने उन्हें दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करने का सुझाव दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने नकली आवाज में किये गये फोन कॉल के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और जरूरी औपचारिकताओं के बाद प्राथमिकी दर्ज करेगी. कहा जा रहा है कि फोन करने वाली महिला एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की कर्मचारी है. उसने कथित तौर पर सोनिया बनकर फोन किया और वाहनवती से बात करते हुए खुद को थोड़ा नाखुश दिखाने की कोशिश की.
कोयला घोटाले से जुड़े किसी शख्स ने कथित तौर पर उसे वाहनवती को फोन करने के लिए कहा था ताकि इस घोटाले के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उनकी राय को प्रभावित किया जा सके.
दिल्ली पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत के अटॉर्नी जनरल से शिकायत प्राप्त हुई है. प्रवक्ता ने कहा,‘हमें एटार्नी जनरल से शिकायत मिली है और हम इस मामले में प्रारंभिक जांच कर रहे हैं.’ प्रवक्ता के अनुसार, ‘जैसे ही जनहित की कोई बात सामने आती है हम प्रेस को उसकी सूचना देंगे.’
बताया जाता है कि सोनिया गांधी की नकली आवाज बनाकर फोन करने वाली महिला ने बताया कि वह न्यूयॉर्क से फोन कर रही है. उस समय सोनिया दरअसल अपनी स्वास्थ्य जांच के लिए विदेश गयी हुईं थीं. सोनिया दो सितंबर को विदेश रवाना हो गयी थीं और 11 सितंबर को देश लौटीं. फोन करने वाली महिला ने कथित तौर पर वाहनवती से कहा कि वह इस मामले में कम जिम्मेदारियां लें.
कोयला आवंटन घोटाले के मामले की जांच को प्रभावित करने के प्रयास के तौर पर ये फोन कॉल किये जाने की अटकलों के बीच जब बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी सभी तथ्यों का अध्ययन करने के बाद इस बारे में बोलेगी. हालांकि प्रसाद ने खबर को आधार बनाते हुए कहा,‘हम पूछना चाहेंगे कि अटॉर्नी जनरल भ्रष्टाचार के लंबित मामलों के बारे में कितने नेताओं से बात कर रहे हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि क्या अटॉर्नी जनरल इस तरह के मामलों में नियमित फोन पर बात करते हैं.