भारत पर हमला करने का कोई भी मौका पाकिस्तान छोड़ता नहीं है. अभी तक सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहे पाकिस्तान ने भारत को कमजोर करने के लिए अब बड़े स्तर पर 'आर्थिक आतंक ' फैलाना शुरू कर दिया है.
जी हां, दिल्ली पुलिस इस आर्थिक आतंकवाद को लेकर परेशान है. पाकिस्तान भारतीय करेंसी को कॉपी करके जाली करेंसी तैयार करके धड़ाधड़ भारत में भेज रहा है. यह काम मुख्य रूप से नेपाल बॉर्डर से किया जा रहा है.
2011 में पुलिस ने 28 लाख 20 हजार 390 रुपए की जाली करेंसी पकड़ी थी, लेकिन पिछले साल 17.3 करोड़ की जाली करेंसी बरामद की गई है. एक ही साल में लगभग 50 गुणा अधिक जाली नोट पकड़े गए हैं. जाहिर है, पाकिस्तान भारत में अधिक से अधिक जाली करेंसी पंप कर रहा है. एक्स्पर्ट इसे 'पाकिस्तान का आर्थिक आतंकवाद' करार देते हैं. उनका मानना है कि पाकिस्तान भारत में आर्थिक अस्थिरता के लिए खतरा पैदा करने के उद्देश्य से ऐसा कर रहा है.
इतनी अधिक मात्रा में जाली नोट बरामद होने से दिल्ली पुलिस सकते में है. इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एक अलग सेल बनाई है. बैंक या कोई भी व्यक्ति इस सेल में जाली करेंसी जमा करवा सकता है. इस सेल में 2013 के पहले महीने में 32 लाख रुपए के जाली नोट जमा कराए गए हैं.
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार का कहना है कि हालांकि ज्यादातर नकली नोटों को बैंक पहचान लेते हैं और फिर उन्हें जमा कर दिया जाता है, लेकिन नकली नोटों की तस्करी बदस्तूर जारी है.
इन रास्तों से आ रही है जाली करेंसी
पुलिस के अनुसार, जाली नोट जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की तरफ से प्रवेश कर रहे हैं. इन प्रदेशों में पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश और दुबाई के रास्तों से जाली नोट पहुंचाए जाते हैं. पाकिस्तान जाली नोटों का मुख्य सोर्स है.
बंगलादेश से कोलकाता, नेपाल से गोरखपुर और बिहार के रूट से जाली करेंसी भारत में प्रवेश कर रही है. पुलिस के मुताबिक, अब झारखंड का साहिबगंज जिला भी जाली करेंसी पंप करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है.
पहचान करना भी मुश्किल
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इन जाली नोटों को पकड़ना आसान काम नहीं है. नकली नोट लगभग 90 प्रतिशत असली जैसा ही होता है. न सिर्फ इम्पोर्टेड कागज, बल्कि रंग, स्याही, स्पेशल वाटर मार्क्स और माइक्रो लेटरिंग भी असली नोट की तरह से ही इस्तेमाल की जा रही है. ऐसे में नकली नोट की पहचान करना मुश्किल हो रहा है.
भारत के लिए बड़ा खतरा
आरबीआई गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव भी इस मसले पर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने पिछले सप्ताह यूपी में एक समारोह में कहा था कि हम लोगों के सामने एक नया संकट खड़ा रहा है और वह है जाली करेंसी का. कुछ असामाजिक तत्व इस तरह के कार्यों में शामिल हैं.
काउंसिल ऑफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने दिसंबर 2012 में एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान में छपे हुए हाई क्वालिटी जाली नोट भारत में आ रहे हैं. यह भारत की आर्थिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. 2011 में इंटरनेशनल नार्कोटिक्स कंट्रोल स्ट्रेटजी रिपोर्ट में यूएस स्टेट्स डिपार्टमेंट ने भी कहा था कि भारत जाली नोटों के भारी मात्रा में देश में प्रवेश करने की समस्या से जूझ रहा है और ये नोट खास रूप से पाकिस्तान से आ रहे हैं.
आतंक फैलाने के लिए जाली करेंसी
कहा जा रहा है कि आतंकवादी अपने नेटवर्क को फैलाने और अपनी गतिविधियां संचालित करने के लिए देश में जाली करेंसी का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहा है. पिछले साल दिल्ली पलिस ने दो टैंपो से लगभग ढाई करोड़ रुपए के जाली नोट बरामद किए थे. पकड़े गए अभियुक्तों ने माना था कि वे लाइन ऑफ कंट्रोल से ये जाली करेंसी लाए हैं. एक करेंसी जम्मू से एक ट्रेन में राजधानी दिल्ली तक पहुंचाई गई थी.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव का कहना है कि हम लोग सुरक्षा एजेंसियों की मदद से जाली नोटों की तस्करी और इसके नेटवर्क पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहे हैं.