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माछिल में शहीद हुए जवानों के घरों में पसरा मातम, जानिए उनकी दर्दनाक दास्तान

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में शहीद हुए जवानों के घरों में मातम पसरा है. 57 राष्ट्रीय रायफल्स के गनर मनोज कुशवाह, राइफलमैन प्रभु सिंह और राइफलमैन शशांक कुमार सिंह मंगलवार को पाकिस्तानी सैनिकों के घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हो गए. पाकिस्तानी सैनिक प्रभु सिंह के शव के साथ बर्बरता करने के बाद भाग निकले. महज 24 दिन पहले माछिल सेक्टर में ही 29 अक्टूबर को पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकवादियों ने सिपाही मनदीप सिंह की हत्या कर उनके शव के साथ बदसलूकी की थी. भारतीय सेना ने कहा है कि वो पाकिस्तानी सेना की इन कायराना हरकतों का बदला लेगी. मनोज और शशांक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से हैं जबकि प्रभु राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं.

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माछिल में शहीद हुए जवान
माछिल में शहीद हुए जवान

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जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में शहीद हुए जवानों के घरों में मातम पसरा है. 57 राष्ट्रीय रायफल्स के गनर मनोज कुशवाह, राइफलमैन प्रभु सिंह और राइफलमैन शशांक कुमार सिंह मंगलवार को पाकिस्तानी सैनिकों के घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हो गए. पाकिस्तानी सैनिक प्रभु सिंह के शव के साथ बर्बरता करने के बाद भाग निकले. महज 24 दिन पहले माछिल सेक्टर में ही 29 अक्टूबर को पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकवादियों ने सिपाही मनदीप सिंह की हत्या कर उनके शव के साथ बदसलूकी की थी. भारतीय सेना ने कहा है कि वो पाकिस्तानी सेना की इन कायराना हरकतों का बदला लेगी. मनोज और शशांक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से हैं जबकि प्रभु राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं.

बुधवार को था प्रभु सिंह का जन्मदिन
जोधपुर के शेरगढ़ के खि‍रजा खास निवासी 25 साल के प्रभु सिंह चार साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे. प्रभु की दो साल पहले शादी हुई थी और उनकी 8 महीने की एक बेटी है. अपने परिवार की रोजी-रोजी का एकमात्र सहारा प्रभु दिवाली के समय छुट्टी पर घर आए थे. चार बहनों के इकलौते भाई प्रभु के दो बहनों की शादी हो चुकी है जबकि 2 बहनों की शादी की जिम्मेदारी अभी उनके कंधों पर बाकी थी.

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प्रभु के पिता चंद्र सिंह 18 साल पहले सेना से रिटायर हुए. परिवार को मंगलवार शाम प्रभु के शहीद होने की खबर मिली तो घर में कोहराम मच गया और पूरे गांव में मातम छा गया. पिता चंद्र सिंह, पत्नी ओम कुंवर का रो-रोकर बुरा हाल है. आज प्रभु का जन्मदिन भी था. राजपुताना रायफल्स से हवलदार पद से रिटायर होने वाले चंद्र सिंह कह रहे हैं कि वो सीमा पर जाकर पाकिस्तानी सैनिकों से बदला ले सकते हैं.

लंबी छुट्टी पर घर आने वाले थे मनोज
31 साल के मनोज कुशवाह यूपी के गाजीपुर में दादूपुर के रहने वाले हैं. माछिल की घटना के वक्त वो पेट्रोलिंग टीम का नेतृत्व कर रहे थे. मंगलवार सुबह ही मनोज की घर पर मां से फोन से बात हुई थी और उन्होंने कहा था कि वो अगले महीने लंबी छुट्टी पर आने वाले हैं. लेकिन शाम होते-होते मनोज की शहादत की खबर आई. मनोज अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों छह साल की बेटी मुस्कान और चार साल के बेटे मानव को छोड़ गए हैं.

मनोज के पिता दिल्ली में काम करते हैं और छठ की छुट्ट‍ियों में घर आए हुए थे. मनोज के दो भाइयों को भी यकीन नहीं हो रहा कि उनके बड़े भाई अब कभी घर नहीं लौटेंगे. मनोज की लाडली बहन का भी रो रोकर बुरा हाल है. वो कहती है, 'इस बार राखी भी नहीं भेज पाई थी. अब मेरा भाई कभी नहीं आएगा.'

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अगले साल थी शादी, बनवा रहे थे घर
गाजीपुर के रहने वाले शशांक सिंह भी मनोज के साथ शहीद हो गए जब उनकी पेट्रोलिंग पार्टी पर पाकिस्तानी सैनिकों ने हमला किया. शशांक के पिता अरुण सिंह के आंसू अपने 25 साल के बेटे की तस्वीर देखकर रुक नहीं रहे हैं. वो चाहते हैं कि भारत सरकार पाकिस्तान से उनके बेटे की शहादत का बदला ले. अपने घर में सबसे छोटे शशांक 2011 में सेना में भर्ती हुए थे. उनके परिवार में कई लोग सेना में हैं. शशांक के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा दो भाई और एक बहन है.

शशांक की अगले साल शादी होने वाली थी. पिछले जुलाई में वो जब घर आए थे तो शादी के लिए मकान की तैयारी की, जो अभी बन रहा है. शशांक अगले महीने भी छुट्टी पर घर आने वाले थे लेकिन जिस घर में अगले साल शहनाई बजने की तैयारी थी वहां मातम का माहौल है.

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