नए कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन ने सरकार को एक बार फिर बैकफुट पर ढकेल दिया है. जींद महापंचायत में जुटे किसानों की भीड़ ने साफ संकेत दे दिया कि कानूनी वापसी के बाद ही बात बनेगी. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने तो यहां तक चुनौती दे दी कि अभी बिल वापसी की बात है, अगर गद्दी वापसी की बात हुई तो फिर क्या होगा?
किसानों की महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि जब-जब राजा डरता है, तब-तब किलेबंदी करता है. दिल्ली में कीलें लगाई जा रही हैं, हम वो अपने खेतों में भी लगाते हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि अभी हमने बिल वापसी की बात की है, अगर गद्दी वापसी की बात हुई तो क्या करोगे. टिकैत ने कहा कि अभी जींद वालों को दिल्ली कूच की जरूरत नहीं है, आप यहां पर ही रहें.
आगे राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन से जुड़े गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए. रिहाई के बाद ही वार्ता संभव है. टिकैत ने कहा कि जींद में मंच भी टूटा, भीड़ का रिकॉर्ड भी टूटा, वर्ष 2021 युवा क्रांति का साल है.
जींद महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास
बता दें कि राकेश टिकैत जब मंच पर बोलने वाले थे उससे चंद मिनट पहले ही मंच टूट गया. जब वह दोबारा मंच पर आए तो कहा कि मंच भाग्यवानों के टूटते हैं. वहीं, जींद महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास किए गए. सभी प्रस्ताव को लोगों ने हाथ उठाकर पास किया. इसमें सबसे प्रमुख तीनों कृषि कानूनों की वापसी का प्रस्ताव रहा. दूसरा एमएसपी पर कानून बने, तीसरा स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो, चौथा दिल्ली में पकड़े गए ट्रैक्टर व लोग रिहा हों, पांचवां किसानों के कर्ज माफ हों.
कई महापंचायतें हो चुकी हैं
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत बुधवार को कांडला खाप द्वारा बुलाई गई महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे थे. गाजीपुर बॉर्डर पर जारी प्रदर्शन को हरियाणा में खासा समर्थन मिल रहा है, यही कारण है कि राकेश टिकैत यहां भी पहुंचे. किसानों के समर्थन में बीते दिनों में पश्चिमी यूपी और हरियाणा में कई महापंचायतें हो चुकी हैं.