scorecardresearch
 

देशभर में किसान आंदोलन पर उतरे, J&K से किसानों का पहली बार मोर्चा

बता दें कि राष्ट्रीय किसान महासंघ के साथ देशभर के 65 किसान संगठन आंदोलन पर उतरे हैं. संगठन की तरफ से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के किसान ट्रैक्टर ट्रालियों से दिल्ली का घेराव करने वाले थे, लेकिन उन्हें दिल्ली पहुंचने के पहले ही रोक दिया गया.

Advertisement
X
राजस्थान में किसान हुए गिरफ्तार.
राजस्थान में किसान हुए गिरफ्तार.

Advertisement

राष्ट्रीय किसान महासंघ के आह्वान पर देशभर में किसान आंदोलन पर उतर आए हैं. संगठन ने आज दिल्ली घेराव का ऐलान किया था, लेकिन इसके ठीक पहले ही किसान नेता और उनके समर्थकों को देश के अलग-अलग हिस्सों में हिरासत में ले लिया गया है.

बता दें कि राष्ट्रीय किसान महासंघ के साथ देशभर के 65 किसान संगठन आंदोलन पर उतरे हैं. संगठन की तरफ से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के किसान ट्रैक्टर ट्रालियों से दिल्ली का घेराव करने वाले थे, लेकिन उन्हें दिल्ली पहुंचने के पहले ही रोक दिया गया.

उधर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु के किसानों ने अपने-अपने राज्यों में प्रदर्शन किया. कई जगह प्रदर्शन के कारण जाम की स्थिति भी बनी.

कश्मीर से पहली बार समर्थन...

वहीं, किसानों के इस आंदोलन को पहली बार घाटी से भी समर्थन मिला. जम्मू कश्मीर के जमीदार बचाव फोरम के किसान सदस्यों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया है. इस बारे में फोरम के सदस्य हामिद मलिक ने बताया कि, "1990 से जम्मू कश्मीर का किसान अलगाववादी आंदोलनों के कारण पिछड़ता रहा है. किसानों से जुड़े जरूरी मुद्दे अब तक नहीं उठे. देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले जम्मू कश्मीर में खेती अलग होती है. यहां मांगे अलग हैं, जो सरकार के सामने रखना बेहद जरूरी है." 

Advertisement

हामिद ने आगे बताया कि जम्मू कश्मीर के किसान कर्ज माफ़ी , एमएसपी के अलावा सेब, अखरोड़, जाफरान जैसी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि यह तीनों फसलें जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा होती है. इसके अलावा सरकारी मंडियां खोलने की भी मांग जम्मू कश्मीर में हो रही है.

राजस्थान में 179 लोगों की गिरफ्तारी...

राजस्थान की विधानसभा में किसानों की गिरफ्तारी का मामला गूंजा. विपक्ष ने कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाया जा रहा है. राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय के बाद किसानों को महापड़ाव की अनुमति नहीं थी.

इसके बावजूद किसानों ने आंदोलन किया. उन्हें 20 फरवरी को समझाइश दी गई थी, लेकिन उनके नहीं मानने पर 179 लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया गया है. इनमें से 17 को जमानत दी गई है.

इस बारे में किसान सभा के कोषाध्यक्ष गुरुचरण सिंह मोड ने कहा कि आपातकाल जैसा दौर चल रहा है. किसानों की बात सरकार सुनना तक नहीं चाहती. सरकार ने हमारे कार्यालय समेत पूरे प्रदेश को छावनी में बदल दिया. किसान सड़कों पर सो रहे हैं. सरकार को औरतों पर भी रहम नहीं है.

हरियाणा में कई नेता लिए गए हिरासत में...

Advertisement

हरियाणा में किसानों का एक मोर्चा गन्नौर और दूसरा मोर्चा बहादुरगढ़ से निकला. यहां कई किसान नेता और कार्यकर्ता एहतियातन हिरासत में ले लिए गए हैं.

किसान यूनियन ज़िला अध्यक्ष अजय राणा ने कहा, 'आज हमारा आंदोलन पीएम मोदी के उन वादों के लेकर है जो उन्होंने अब तक पूरा नहीं किया है. मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिश लागू करने की बात कही थी लेकिन अब तक पूरा नहीं किया गया.'

वहीं, हरियाणा पुलिस की आईजी ममता सिंह के मुताबिक, राज्य में जरूरत के मुताबिक पैरामिलिट्री फोर्स की 25 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं जबकि हरियाणा पुलिस फोर्स भी जरूरत के मुताबिक तैनात की जा चुकी है.

Advertisement
Advertisement