कर्नाटक में किसानों का गुस्सा फूटा है. वे सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. प्रदेश में किसान संगठनों ने घोषणा की है कि वे हर जिले में आज हाईवे जाम करेंगे. किसानों का कहना है कि सरकार ने लगातार किसानों की अनदेखी की है. किसानों की जमीन का अधिग्रहण तो किया जा रहा है, लेकिन उनके पुनर्वास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार की जमीन अधिग्रहण की नीति किसानों के हित में नहीं है. सरकार जमीन अधिग्रहण उद्यागपतियों के हित को ध्यान में रखते हुए कर रही है.
किसानों की क्या है मांग
जानकारी के मुताबिक विभिन्न जगहों से आकर किसान बेंगलुरु में जमा होंगे. उसके बाद वे बोम्मासंद्रा और देवानहल्ली समेत कई इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करेंगे. किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है. उद्योगपतियों के हित में जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है और न तो उचित तरीके से किसानों का पुनर्वास किया जा रहा है और न ही उचित मुआवजा मिल रहा है. कर्नाटक में विकास के नाम पर कई प्रोजेक्ट्स के लिए बिना किसानों की अनुमति के जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. ऐसे में सरकार किसानों के लिए उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था करे.
हाईवे जाम को लेकर पुलिस मुस्तैद
किसानों के बंद को देखते हुए पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है. पुलिस की कोशिश है कि किसानों के विरोध-प्रदर्शन के कारण जनता का जनजीवन प्रभावित नहीं हो. साथ ही विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो. प्रदेश के कई इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि प्रदर्शन के दौरान कोई कानून-व्यवस्था अपने हाथों में न ले और प्रदर्शन हिंसक नहीं हो.
सरकार पर गंभीर आरोप
किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के लिए अधिकारियों को जरूरत से ज्यादा अधिकार दे दिया गया है. ऐसे में बिना किसानों के साथ सहमति बने जमीमों का अधिग्रहण किया जा रहा है. उनकी मांग है कि जमीन अधिग्रहण से पहले किसानों के साथ अधिकारियों की वार्ता के बाद सहमति के बाद ही अधिग्रहण की कार्रवाई होनी चाहिए. इस मुद्दे पर किसान मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से पूरी तरह नाराज है. उनका कहना है कि ये सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से विफल है. ऐसे में वे सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए हाईवे जाम कर रहे हैं.