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फारूक अब्दुल्ला ने पूछा- पत्थरबाज बेहतर थे या जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' पुलवामा हमले और पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकवाद पर खुलकर बात की.

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फारूक अब्दुल्ला (तस्वीर- PTI)
फारूक अब्दुल्ला (तस्वीर- PTI)

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने 'सीधी बात' कार्यक्रम में कहा कि घाटी में गवर्नर शासन लगते ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को शह मिल गया. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि इस परिस्थिति में कौन बेहतर था, जैश-ए-मोहम्मद या फिर पत्थरबाज.

गवर्नर रूल में पत्थरबाजी कम होने के केंद्र के दावे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'गवर्नर रूल में अगर पत्थरबाजी रुक गई तो क्या जैश-ए-मोहम्मद बढ़ गया. क्या वो (जैश-ए-मोहम्मद) बेहतर था या पत्थरबाज बेहतर थे. यह बताओ.'

आगे उन्होंने कहा, 'अभी जब जम्मू जल रहा था तो मुझे यह बताइए तो क्या गवर्नर साहब को राजभवन छोड़कर इन जगहों पर नहीं पहुंचना चाहिए था. क्या उन्हें इनसे नहीं कहना चाहिए था कि खबरदार... ये चीजें यहां नहीं चल सकती. गवर्नर रूल कश्मीर के लिए बिलकुल भी सही नहीं रहा.'  

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 'यहां जम्मू-कश्मीर में गर्वनर शासन फेल रहा है, यहां जनता का शासन होना चाहिए और उसके लिए होने वाले चुनाव में सही मशीन का इस्तेमाल करना चाहिए, चोर मशीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. दिल्ली और कश्मीर एक लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ेंगे तो समस्या का समाधान जल्दी होगा. पीएम मोदी का कार्यकाल कैसा रहा इस पर उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनाव बताएगा कि उनका कार्यकाल कैसा रहा.'

अलगाववादियों से सुरक्षा छीनने पर उन्होंने कहा, 'सरकार ने ही उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई थी जिसे अब छीन लिया है. सरकार ने तो कांग्रेस नेताओं और नेश्नल कांफ्रेंस के नेताओं से भी सुरक्षा छीन ली है. ऐसे ही कश्मीर के नेताओं से सुरक्षा छिनी जाती रही तो घाटी में तिरंगा कौन थामेगा. राष्ट्र को कश्मीर के मुस्लिमों पर विश्वास जताने की जरूरत है. हम भारतीय हैं, मैंने कभी पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी नहीं की.'

पुलवामा हमले पर फारूक अब्दुल्ला ने आजतक से बातचीत में कहा था कि ये इंटेलिजेंस की नाकामी है. उन्होंने कहा, 'हम खुद आतंकवाद के शिकार हैं. इन आतंकवादियों ने हमारा जीना हराम कर दिया है. जो ये हमले कर रहे हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए. ये हमारे अमन को खत्म कर रहे हैं, हमारे बच्चों की जिंदगी खत्म कर रहे हैं. ऐसे लोगों को एक्सपोज करना चाहिए.'

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इस बातचीत में उन्होंने कहा, 'स्थानीय युवाओं के दहशतगर्दों का साथ देने के सवाल पर फारूक ने कहा कि पत्थरबाजों का न तो मैंने कभी साथ दिया  है और न ही हमारी जमात ने इनका साथ दिया है. इन्होंने हमारा जीना हराम कर दिया है. ये वतन के दुश्मन हैं. दुनिया सितारों के ऊपर जा रही है और हम जमींदोज हो रहे हैं. ये कब तक चलेगा.'

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