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फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने वाजपेयी को ऐसे किया याद

भारत के करिश्माई नेताओं में शामिल वाजपेयी का निधन गुरुवारको 93 वर्ष की उम्र में हो गया था. नई दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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फारूक और महबूबा मुफ्ती
फारूक और महबूबा मुफ्ती

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में सार्वजनिक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत सत्तापक्ष और विपक्ष के बड़े नेता मौजूद रहे.

प्रार्थना सभा में वाजपेयी को याद करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नहीं थे बल्कि हर हिन्दुस्तानी के दिलों के मालिक थे. उन्होंने कहा कि उनके जितना बड़ा दिल शायद ही किसी का हो. फारूक ने कहा कि वह सभी को साथ लेकर चलने वाले नेता थे और बगैर किसी भेदभाव के सबको साथ लेकर आए.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी के बीच वह जवानों के साथ खड़े हुए थे. उन्होंने कहा कि अटल जी के इरादे पुख्ता थे और राष्ट्रनिर्माण के लिए दिल से दिल मिलाकर सबसे साथ लेकर चलने की बात करते थे. फारूक ने कहा कि अटल यहां भले ही न हो लेकिन उनकी आत्मा यहां घूम रही है. फारूक ने कहा कि अटल की आत्मा पूछ रही है कि क्या आज वो देश बनाओगे जिसका सपना अटल ने देखा था. उन्होंने कहा कि अटल को याद रखना है तो ऐसा देश बनाओ जिसके प्रेम के आगे दुनिया झुकने को तैयार हो जाए. प्रेम को बांटिए और वही अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

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जम्मू कश्मीर आज रोता है...

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वो जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए मसीहा से कम नहीं थे. अटलजी देश के ऐसे पहले नेता थे जिन्होंने कश्मीरियों पर भरोसा किया और उनका भरोसा जीता. उन्होंने कहा कि 70 साल में पहली किसी ने लोकतंत्र में जम्मू कश्मीर के लोगों के भरोसा जगाया था वह अटल जी ही थे. महबूबा ने कहा कि उनकी शख्सियत ऐसी थी कि उनका दुश्मन भी उनकी बात मानने को तैयार हो जाए.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अटल जी को याद करके आज कश्मीर रोता है. उन्होंने कहा कि अगर इंसानियत के दायरे में हर समस्या का समाधान निकालें तो यह अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.  

पीएम मोदी ने किया याद

इससे पहले प्रार्थना सभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 11 मई को परमाणु परीक्षण अटल जी की दृढ़ता की वजह से हुआ. उसके बाद दुनिया ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिया. लेकिन ये अटल थे जो 11 मई को परीक्षण के बाद 13 मई को एक बार फिर दुनिया को चुनौती देते हुए भारत की ताकत का अहसास कराया. जीवन कितना लंबा हो यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन जीवन कैसा हो, ये हमारे हाथ में है और अटल जी ने जी करके दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो और कैसे हो.

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लंबी बीमारी के बाद अटल बिहारी वाजपेयी का बीते 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है. वाजपेयी के निधन पर कई राज्यों में भी राजकीय शोक का ऐलान किया गया था. सोमवार को उनकी याद में आयोजित प्रार्थना सभा में विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता और आम जनता भी शामिल हुई.

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