कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए इजाजत देने की मांग की है. असल में, जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद से ही घाटी के सभी प्रमुख नेता नजरबंद हैं.
शशि थरूर ने यह अपील नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से केंद्र सरकार से सभी प्रमुख नेताओं पर लगी पाबंदी हटाने की अपील के बीच किया है. शशि थरूर ने फारूक अब्दुल्ला के एक पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा, 'कैद फारूक साब का पत्र है. संसद सदस्यों को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें इस मामले में संसदीय विशेषाधिकार मिला हुआ है. अन्यथा गिरफ्तारी का इस्तेमाल विपक्षी आवाज़ों को दबाने के लिए किया जा सकता है. संसद में भागीदारी लोकतंत्र और लोकप्रिय संप्रभुता के लिए आवश्यक है.'
असल में, फारूक अब्दुल्ला ने शशि थरूर को पत्र लिखते हुए आभार जताया है. कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह पत्र सब-जेल, 40 गुपकर रोड श्रीनगर के पते से लिखा है. शशि थरूर का आभार जताते हुए फारूक अब्दुल्ला ने लिखा कि, आपका (शशि थरूर) पत्र आज मुझे मजिस्ट्रेट के हाथों मिला. यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि वे मेरा डाक भी समय से पहुंचा पाने में सक्षम नहीं हैं. एक वरिष्ठ सांसद और पार्टी नेता के साथ इस तरह का बर्ताव करने का यह कोई तरीका नहीं है. हम अपराधी नहीं हैं.Letter from imprisoned FarooqSaab. Members of Parliament should be allowed to attend the session as a matter of parliamentary privilege. Otherwise the tool of arrest can be used to muzzle opposition voices. Participation in Parliament is essential 4 democracy&popular sovereignty. pic.twitter.com/xEQ45klWCb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 5, 2019
बता दें कि संसद सत्र में नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला शामिल नहीं हो रहे हैं. श्रीनगर में कैद फारूक अब्दुल्ला को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं मिली है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाते हुए उन्हें संसद में भाग लेने की अनुमति देने की मांग रखी थी.