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PM मोदी पर नरम दिखे फारूक अब्दुल्ला, NDA पर कहा- सियासत में कोई अछूत नहीं

सीधी बात में इस बार फारूक अबदुल्ला बदले हुए अंदाज में नजर आए. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए में शामिल होने के सवाल पर कहा कि सियासत में किसी को अछूत नहीं माना जाता है.

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फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला

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जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आजतक के कार्यक्रम सीधी बात में कहा कि सियासत में कोई भी अछूत नहीं है. ये बात उन्होंने तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या फारूक अब्दुल्ला एनडीए में लौट सकते हैं? सीधी बात में बात करते हुए फारूक मोदी सरकार और एनडीए को लेकर काफी नर्म दिखाई दिए. उन्होंने सीधे तौर पर पीएम मोदी पर भी निशाना नहीं साधा.

'प्रधानमंत्री हर चीज कर नहीं सकता'

फारूक अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि पीएम मोदी का 4 साल का कार्यकाल कैसा रहा. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'हर प्रधानमंत्री कोश‍िश करता है अच्छा करने की. भारत बहुत बड़ा मुल्क है. प्रधानमंत्री हर चीज कर नहीं सकता. हम कहें कि इनके पास जादुई चिराग है और उससे सब ठीक कर देगा, ऐसा हो नहीं सकता.'

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फारूक ने कहा, 'न ही हम ये कहें कि 70 साल पहले जो प्रधानमंत्री थे उन्होंने कोई काम नहीं किया. ये गलत है. काम उन्होंने भी किया है, काम इन्होंने भी किया है. आप सब कुछ नहीं कर सकते. इन्होंने भी कोश‍िश की. अब कहां कामयाब हुए और कहां कामयाब नहीं हुए ये वक्त बताएगा. कई चीज में कामयाबी मिली, नहीं तो क्या प्रधानमंत्री लाल किले से ये बोल देते कि शौचायल बनाने हैं. लेकिन हिंदुस्तान की जरूरत थी.'

सियासत में कोई अछूत नहीं: फारूक अब्दुल्ला

एनडीए में जाने के सवाल पर कहा फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'आज तो ऐसा मौका नहीं है. सियासत में कोई अछूत नहीं है. सवाल सिर्फ लोगों की बेहतरी का है. राज्य के विकास का है. ये जरूरी है. हम बहुत पीछे हो गए हैं. हम इस दलदल से निकलने के लिए जो बेहतर होगा करेंगे.'

खून से घबराते थे हम: फारूक

वहीं, कश्मीर के हालात पर फारूक ने कहा, 'एक जमाने में हम मुर्गा भी हलाल नहीं करते थे, कसाई को ढूंढना पड़ता था. खून से घबराते थे हम. अब देखिए कि बुखारी जैसे पत्रकार का कत्ल कर दिया. भारत सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए. मारने वाला कौन है, किसी को इसकी खबर नहीं है. मारने वाले को तो पकड़ लिया पर मरवाया किसने यह पता ही नहीं चला. हमें दोनों मुल्कों की दोस्ती के लिए उन जमातों, उन संस्थाओं को नंगा करना है जो ये काम करवा रही हैं.

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