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हिंदुओं की आबादी में 2050 तक 2.8 फीसदी कमी होगी

साल 2050 में भारत की कुल आबादी में हिंदुओं की साझेदारी में 2.8 फीसदी तक कमी आने की संभावना है. 2050 में भारत में हिंदुओं की आबादी संभावित तौर पर लगभग 1.3 अरब होगी, जबकि उस वक्त कुल आबादी 1.7 अरब होगी.

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साल 2050 में भारत की कुल आबादी में हिंदुओं की साझेदारी में 2.8 फीसदी तक कमी आने की संभावना है. 2050 में भारत में हिंदुओं की आबादी संभावित तौर पर लगभग 1.3 अरब होगी, जबकि उस वक्त कुल आबादी 1.7 अरब होगी.

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2050 तक संभावित तौर पर देश की कुल आबादी का 76.7 फीसदी हिंदू होंगे, जबकि 2010 में यह आंकड़ा 79.5 फीसदी था. पीयू शोध केंद्र (पीआरसी) के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. संस्थान द्वारा गुरुवार को जारी एक रपट के मुताबिक दुनिया में इस्लाम सर्वाधिक तेजी से प्रसारित होने वाला धर्म होगा, जिसके उपासकों की संख्या साल 2050 तक 2.76 अरब हो जाएगी, जबकि 2010 में यह 1.59 अरब थी.

साफ है कि आगामी 40 सालों में यह ईसाई धर्म को पछाड़ कर इसके करीब पहुंच जाएगा क्योंकि साल 2050 में ईसाइयों की संख्या संभावित तौर पर 2.19 अरब होगी. इन 40 सालों के दौरान, दुनिया की आबादी में ईसाइयों की साझेदारी 31.4 फीसदी पर स्थिर रहने की संभावना है, जबकि मुसलमानों की आबादी साल 2010 के 23.2 फीसदी से बढ़कर 29.7 फीसदी हो जाएगी.

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इस प्रकार हिंदुओं की कुल आबादी में 2.8 फीसदी की कमी आने की संभावना है. 2010 में देश में हिंदुओं की कुल आबादी 97.37 करोड़ थी, जबकि साल 2050 में संभावित तौर पर यह 129.79 करोड़ होगी, इस प्रकार इस दौरान कुल हिंदू आबादी में 32.42 करोड़ की वृद्धि होगी.

पीआरसी की रपट के मुताबिक, साल 2050 में कुल आबादी में मुसलमानों की साझेदारी 2010 के 14.4 फीसदी से बढ़कर 18.4 फीसदी हो जाएगी. इस दौरान उनकी कुल आबादी 17.62 करोड़ से बढ़कर संभावित तौर पर 31.06 करोड़ हो जाएगी. इस प्रकार इन 40 सालों के दौरान, उनकी आबादी में 13.44 करोड़ की वृद्धि होगी.

यही नहीं, साल 2050 तक भारत मुस्लिम आबादी के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश होगा. इन 40 सालों में भारत इंडोनेश‍िया  (25.68 करोड़) और पाकिस्तान (27.31 करोड़) को पीछे छोड़ देगा.

शोध के मुताबिक, इस दौरान भारत की आबादी में ईसाइयों की साझेदारी में 0.3 फीसदी की कमी देखी जाएगी. 2010 में यह कुल आबादी की 2.5 फीसदी थी, जबकि 2050 में यह संभावित तौर पर 2.2 फीसदी होगी. साल 2010 में भारत में ईसाइयों की कुल आबादी 3.22 करोड़ थी, जबकि साल 2050 में संभावित तौर पर 3.67 करोड़ होगी. इस प्रकार इसमें 50.61 लाख की वृद्धि होगी.

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वाशिंगटन के इस शोध संगठन के मुताबिक, अमेरिका में कुल आबादी में हिंदू आबादी की साझेदारी साल 2010 की 0.6 फीसदी से बढ़कर साल 2050 में संभावित तौर पर 1.2 फीसदी हो जाएगी. साल 2010 में अमेरिका में हिंदुओं की आबादी 17.9 लाख थी, जो साल 2050 में संभावित तौर पर 40.78 लाख हो जाएगी. इस प्रकार हिंदू आबादी के मामले में अमेरिका विश्व का पांचवां सबसे बड़ा देश होगा.

पीआरसी की रपट फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रिलिजंसः पॉपुलेशन ग्रोथ प्रोजेक्शन 2010-2050 के मुताबिक, विश्व में हिंदुओं की आबादी साल 2050 तक संभावित तौर पर 1.4 अरब हो जाएगी, जबकि साल 2010 में यह एक अरब थी. इस प्रकार ईसाइयों और मुसलमानों के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा धर्म होगा. रपट के मुताबिक, किसी भी धर्म को न मानने वालों की आबादी साल 2050 तक 1.23 अरब होगी, जबकि साल 2010 में यह 1.13 अरब थी.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में साल 2010 तक हिंदू धर्म मानने वालों की आबादी (1.02 अरब) सर्वाधिक थी. लेकिन साल 2050 में यह दूसरे नंबर पर आ जाएगी, क्योंकि इन 40 वर्षों के दौरान इस्लाम धर्म मानने वालों की आबादी संभावित तौर पर 1.45 अरब होगी, जो साल 2010 में 98.64 करोड़ थी.

पीआरसी के मुताबिक, साल 2045 तक हिंदुओं की आबादी 0.2 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है.

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- इनपुट IANS से

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