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FATF में पाक को बेनकाब करेगा भारत, पेरिस में NIA, ED की टीमें रहेंगी मौजूद

पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियां अतंरराष्ट्रीय दबावों के बाद भी थमी नहीं हैं. पाकिस्तान को पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में भारत बेनकाब करेगा. इसके लिए भारत से 10 काबिल अफसरों की टीम पेरिस जा रही हैं.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो-ANI)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो-ANI)

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  • 16 से 21 फरवरी तक होगी पेरिस में FATF की बैठक
  • ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिश कर रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान की भारतीय सीमा में आतंक फैलाने की साजिश जारी है. पाकिस्तान आए दिन जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैलाने की कोशिश करता है. आतंक परस्त पाकिस्तान की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए भारत बड़े स्तर पर तैयारी कर रहा है.

सूत्रों का दावा है कि भारत ने पेरिस में 16 फरवरी से 21 फरवरी के बीच में होने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(FATF) की बैठक में अपने सबसे काबिल 10 अफसरों को भारत का पक्ष रखने के लिए भेज रहा है. ये सभी अफसर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग (आईटी), फाइनेंशिलय इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) और रेवेन्यू डिपार्टमेंट से जुड़े हुए हैं.

भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स  के सामने पाकिस्तान की आतंकी फंडिंग और आतंकी गतिविधियों से जुड़े तमाम दस्तावेज सौंपेगा जिससे अंतरराष्ट्रीय संस्था के सामने पाकिस्तान बेनकाब होगा. भारतीय अधिकारी एफएटीएफ को डोजियर भी सौंपेंगे, जिसके बचाव में पाकिस्तान तर्क नहीं रख पाएगा.

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ब्लैक लिस्ट में जा सकता है पाकिस्तान

बीते साल 2019 के अक्टूबर महीने में एफएटीएफ की जो मीटिंग हुई थी, उसमें पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि फरवरी 2020 तक सुधार के लिए पाकिस्तान सख्त कदम उठाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है. तमाम नसीहतों के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.

पाकिस्तान ने आतंकी फंडिंग के लिए अपनी सक्रियता कम नहीं की है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आज भी बड़े स्तर पर लॉन्चिंग पैड के जरिए आतंकियों को भारत भेजने की कोशिशों में जुटी हैं.

जब पाकिस्तान को पड़ी थी फटकार

पाकिस्तान को पहले भी एफएटीएफ से फटकार लग चुकी है. आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर पाया. इसके बाद एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है.

भारत चाहता है ब्लैक लिस्ट हो पाकिस्तान

दरअसल, 36 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैक लिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है. पाकिस्तान फिलहाल 'ग्रे लिस्ट' (वॉच लिस्ट) में है और वो इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है.

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एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया था. इससे पहले चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान के जरिए उठाए गए कदमों की सराहना की थी.

वहीं भारत ने ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की थी. भारत का कहना था कि पाक अब भी 26 /11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को अपने फ्रीज खातों से धन निकालने की अनुमति दे रहा है.

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