CBI ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद पर विदेशी चंदा नियमन कानून के उल्लंघन मामले की जांच में सहयोग करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनसे हिरासत में पूछताछ के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
'सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा'
आरोप है कि तीस्ता और उनके पति ने विदेशों से मिले धन का दुरुपयोग किया और वे सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. CBI ने बंबई हाईकोर्ट के 11 अगस्त के आदेश को चुनौती देने के लिए कई बिन्दुओं को आधार बनाया है. तीस्ता और उनके पति को निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी.
CBI ने इस दंपति की अग्रिम जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए दावा किया है कि हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देकर गलती की है, क्योंकि उसने पहली नजर में यह पाया कि इनकी कंपनी सबरंग कम्युनिकेशन एंड पब्लिशिंग प्रा. लि. ने केन्द्र से अनिवार्य मंजूरी के बगैर ही अमेरिका स्थित फोर्ड फाउण्डेशन से 1.8 करोड़ रुपये प्राप्त किए और इस तरह से उन्होंने विदेशी चंदा नियमन कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया.
दंपति का आरोपों से इनकार
इस दंपति ने सारे आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि दंगा पीड़ितों के मामले उठाने के कारण ही उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. दूसरी ओर जांच एजेन्सी का कहना है कि पहली नजर में फोर्ड फाउण्डेशन से मिले धन का दुरुपयोग करने का पता लगने के बाद निश्चित ही उनकी जवाबदेही बनती है, ऐसी स्थिति में हाईकोर्ट को उन्हें अग्रिम जमानत नहीं देनी चाहिए थी.
इनपुट: भाषा