बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर मत विभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ी बीजेपी ने मंगलवार को सरकार से जिद छोड़ने और संसद में सुचारु रूप से कामकाज चलाने का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की.
मंगलवार को बीजेपी संसदीय पार्टी की बैठक में एफडीआई के मुद्दे पर सोमवार की सर्वदलीय पार्टी की बैठक एवं कुछ अन्य विषयों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद बीजेपी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर सरकार अपने आश्वासन पर कायम नहीं रही और अपने वादे के मुताबिक सभी पक्षों से चर्चा नहीं की. इसको देखते हुए सदन की राय मत विभाजन के जरिये ही जानी जा सकती है. पार्टी इस रुख पर कायम है कि एफडीआई पर नियम 184 के तहत चर्चा करायी जाए जिसमें मत विभाजन का प्रावधान है.
उन्होंने कहा, ‘सरकार जब तक नियम 184 के तहत चर्चा नहीं कराती है तब तक संसद नहीं चलने की जिम्मेदारी सरकार की मानी जायेगी. सरकार को जिद छोड़नी चाहिए और संसद सुचारू रूप से चलाने का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए.’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘सरकार को सत्ता का मद छोड़ना चाहिए और विपक्ष की मांग मान लेनी चाहिए. बीजेपी और राजग मत विभाजन के तहत चर्चा से कम कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है.’ मुख्य विपक्षी पार्टी ने संकेत दिया कि बीजेपी और उसके सहयोगी तब तक संसद में कामकाज नहीं होने देंगे जब तक सरकार मत विभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने की उनकी मांग को नहीं मान लेती है.
बीजेपी संसदीय पार्टी ने वालमार्ट के भारत में दुकान खोलने की अनुमति देने के बदले रिश्वत की मांग संबंधी आरोपों पर भी चर्चा की. बैठक के दौरान अविरल गंगा, निर्मल गंगा अभियान के बारे में चर्चा की गई. गंगा नदी के प्रवाह वाले इलाकों के सांसदों को दो दिसंबर को मानव श्रृंखला के दौरान उपस्थित रहने को कहा गया है.
बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों में लगातार चौथे दिन प्रश्नकाल नहीं हो सका. बीजेपी नीत राजग और वामदल मत विभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़े हैं. गौरतलब है कि सोमवार को लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि अब गेंद सरकार के पाले में है और संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने का रास्ता उसे ही निकालना है.
सोमवार की सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा था, ‘हमारी पार्टी मत विभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने पर अडिग है और इस पर समझौते का सवाल ही नहीं है. यह चर्चा लोकसभा में नियम 184 के तहत और राज्यसभा में नियम 168 के तहत करायी जाए.’
उन्होंने कहा था कि मतविभाजन के प्रावधान के तहत होने वाली चर्चा में ही राय व्यक्त की जा सकती है. यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी संसद की कार्यवाही नहीं चलने देगी, उन्होंने कहा था, ‘जब मैं कह रही हूं कि समझौते का सवाल नहीं है, तो इसका कुछ मतलब होता है.’