प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भरोसा है कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई पर यूपीए सरकार को लोकसभा में बहुमत प्राप्त है. प्रधानमंत्री लोकसभा में अपने सदस्यों की संख्या को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है.
एफडीआई के मुद्दे पर संप्रग के घटक दलों के बीच सहमति कायम करने के लिए बुलाई गई संप्रग की समन्वय समिति की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘संख्या बल को लेकर हम आश्वस्त हैं.’
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने भी संवाददाताओं से कहा, ‘संप्रग एकजुट है और इसके सभी घटक दल संसद में किसी भी बहस पर सरकार के साथ हैं.’
उन्होंने कहा कि सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी मुद्दा चर्चा था, न कि इस पर मतदान. मंत्री ने कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष से मशविरा करूंगा.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘केंद्र सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के खिलाफ नहीं है. हम मतदान को लेकर चिंतित नहीं हैं. बैठक में शामिल अधिकतर सदस्यों ने किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने का समर्थन किया. इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा। इस पर फैसला वही करेंगी.’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामपंथी दल इस मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं.
संसद के पुस्तकालय भवन में हुई संप्रग की समन्वय समिति की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे तथा कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने हिस्सा लिया.
बैठक इसलिए बुलाई गई थी, क्योंकि संप्रग के द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को लेकर कुछ आपत्ति थी और वह इस मुद्दे पर संप्रग से चर्चा करना चाहती थी.
बैठक से पहले डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने चेन्नई में एक बयान जारी कर कहा कि हालांकि उनकी पार्टी खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति देने के खिलाफ है, लेकिन यदि इस मुद्दे पर संसद में वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा होती है तो भाजपा जैसी ‘साम्प्रदायिक’ पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनकी पार्टी एफडीआई के पक्ष में मतदान करेगी.