पाकिस्तान में एक बार फिर से हो सकता है तख्तापलट. ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इसकी आशंका जताई है पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने. मुशर्ऱफ के मुताबिक पाकिस्तान बदहाली और भ्रष्टाचार के ऐसे मुहाने पर खड़ा है जहां सेना दबाव में सरकार का तख्तापलट कर सकती है.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जिद और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की नाकामी के बाद सेना चीफ अशफाक कियानी ने तख्तापलट की चेतावनी दी है.
इसी के साथ पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ के राजनीतिक मंसूबे, फिर से सिर उठाता तालिबान और बाढ से बर्बाद अर्थव्यवस्था भी पाक में तख्तापलट होने के संदेश दे रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि कंगाली के मुहाने पर खड़े पाकिस्तान में कभी भी तख्तापलट हो सकता है.
पाकिस्तान में फिर से सेना कर सकती है सत्ता पर कब्जा. और फिर से पाकिस्तान में बागडोर थाम सकती है सेना. पाक के ताजा हालात के मद्देनजर और लंदन से पूर्व पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने अपने ही देश में दी है तख्तापलट की चेतावनी.{mospagebreak}
तालिबान अभी भी कई इलाकों में मजबूत बना हुआ है और पाक सेना के साथ-साथ नाटो पर भी हमला बोल रहा है. अफगानिस्तान जा रहे नाटो फौज के तेल टैंकर पर ये हमला तालिबान की बढ़ती ताकत का सबूत है.
एक पाकिस्तानी चैनल के मुताबिक ब्रिटेन में रह रहे परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद हावी है. अलोकप्रिय राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को हटाने के लिए आर्मी चीफ अशफाक कयानी हस्तक्षेप कर सकते हैं.
लंदन में मुशर्ऱफ का ये बयान आया है 27 सितंबर को कयानी की जरदारी और यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात के बाद. माना जा रहा है कि कयानी ने साफ शब्दों में सरकार को ये चेतावनी दी है कि वो अपने काम से काम रखे, भ्रष्टाचार पर लगाम कसे और बाढ़ से निपटने के प्रयासों में तेजी लाए.
मुशर्रफ ने कहा है कि आप कयानी, जरदारी और गिलानी की बैठक की तस्वीरों को देखें और मैं आपको यकीन दिला सकता हूं कि वे मौसम पर गुफ्तगू नहीं कर रहे थे. ये गंभीर चर्चा थी और यकीनन इस वक्त सेना प्रमुख पर तमाम तरह के दबाव होंगे. नवाज शरीफ सरकार के तख्तापलट से पहले मेरे ऊपर भी ऐसा ही दबाव था.{mospagebreak}
पाकिस्तान अभी भी सदी के सबसे भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है. साथ ही पाकिस्तान की आर्थिक तौर पर भी बदहाली के दौर से गुजर रहा है. आम नागरिक का भरोसा सरकार से उठता जा रहा है और मुशर्रफ भी लंदन में अपनी नई राजनीतिक पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग तैयार कर चुके हैं.
तमाम हालात और परिस्थितियों को गौर से देखने पर साफ पता चल रहा है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे तख्तापलट की ओर सरक रहा है. वैसे भी पाकिस्तान का इतिहास भी इसकी गवाही दे रहा है.
पाकिस्तान के लोग आर्थिक बदहाली से तंग आ चुके हैं. पूरा देश पिछले कई महीनों से सबसे बड़े बाढ़ से जूझ रहा है जिसने अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ दी है. माना जा रहा है कि वहां के लोग इसके लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेवार मानते हैं और निजात चाहते हैं.
पाकिस्तान में तख्तापलट के जरिए सत्ता परिवर्तन की हवा गर्म हो चुकी है. बाढ़ का कहर और तालिबान का कोहराम पाकिस्तान को खोखला करता जा रहा है.{mospagebreak}
सूत्रों के मुताबिक देश को संभालने में सरकार की नाकामी के बाद सेना पर दबाव बढ़ गया है कि वो पाकिस्तान की कमान अपने हाथों में ले और देश को दुरूस्त करे.
खबरों की माने तो सेना प्रमुख कयानी ने भी असैनिक सरकार में फेरबदल की मांग की है. तालिबान तो पाकिस्तान के लिए नासूर बन ही गया है लेकिन पिछले कुछ दिनों में जिस जख्म ने पाकिस्तान को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है वो है भीषण बाढ़ और इससे निपटने में सरकार की नाकामी.
माना जा रहा है कि सदी के सबसे खतरनाक बाढ़ के बाद सरकार की खोखली अर्थव्यवस्था देश को तख्तापलट के मुहाने तक ले आई है.