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समुद्री तूफान की आशंका कायम, प्रशासन मुस्‍तैद

समुद्री तूफान लैला का खतरा आंध्र प्रदेश से 200 किलोमीटर दूर है. ताजा जानकारी के मुताबिक तूफान गुरुवार दोपहर किसी भी वक्त आंध्र के मछलीपत्तनम में कवाली और काकीनाड़ा के बीच टकरा सकता है. खतरे को देखते हुए तटीय इलाके खाली करा लिए गए हैं.

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समुद्री तूफान लैला का खतरा आंध्र प्रदेश से 200 किलोमीटर दूर है. ताजा जानकारी के मुताबिक तूफान गुरुवार दोपहर किसी भी वक्त आंध्र के मछलीपत्तनम में कवाली और काकीनाड़ा के बीच टकरा सकता है. खतरे को देखते हुए तटीय इलाके खाली करा लिए गए हैं.

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समंदर तूफान मचा रहा है और मैदान पर आसमान से आफत बरसी है. ये आहट है समुद्री तूफान लैला की, जो आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है. आशंका जताई जा रही है दोपहर या शाम के वक्त कभी भी ये आंध्र प्रदेश के मछलीपत्तनम से टकरा सकता है.

तूफान जब आंध्र के समुद्री तट से टकराएगा उस वक्त इसकी रफ्तार 125 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. 14 साल बाद ये सबसे ताकतवर तूफान बताया जा रहा है. तूफान मछलीपत्तनम से महज ढाई सौ किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में केंद्रित है.

लैला के प्रभाव में अगले चौबीस घंटों में आंध्र और तमिलनाडु के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है. हालांकि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बारिश बुधवार से ही शुरू हो चुकी है और कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है.{mospagebreak}लैला से आंध्र प्रदेश के जिन इलाकों में ज्यादा नुकसान की आशंका जताई गई है, वो हैं विशाखापत्तनम, मछलीपत्तन, पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी, गुंटूर प्रकाशम और नेल्लोर. तूफान तमिलनाडु के चेन्नई में भी तबाही मचा सकता है.

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तूफान आंध्र के तटीय इलाकों से टकराने के बाद उत्तर पूर्व की ओर बढ़ सकता है. इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है.

लैला के खतरे को देखते हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. खतरे के बावजूद कई लोग अपना घर नहीं छोड़ रहे. खबर है कि पश्चिमी गोदावरी में पुलिस को कई जगह जबरन बच्चों को ऊंचे और सुरक्षित जगहों पर ले जाना पड़ा.

बंगाल की खाड़ी से सटे समुद्र तटीय इलाकों पर मंडरा रहा है खतरनाक चक्रवाती तूफान लैला का खतरा, जिसके आने से भारी विनाश की आशंका बनी हुई है. खतरे को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार युद्धस्तर पर बचाव और राहत की तैयारी में जुटी हुई है.{mospagebreak}राज्य में आपदा प्रबंधन की 8 टीमें बनाई गई हैं और हर टीम में 36 लोग हैं. इन्हें अलग-अलग जिलों में भेजा जा रहा है. 30 हजार से ज्यादा लोगों को खतरे के इलाके से निकाला जा चुका है. सेना के हेलीकॉप्टर को मुस्तैद कर दिया गया है. कृष्णा और गोदावरी जिलों में फौज के सौ अधिकारियों को तैनात किया गया है.

आंध्र प्रदेश परिवहन निगम की बसें तटवर्ती इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में लगी हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चक्रवाती तूफान लैला से 774 गांवों के 11 लाख से ज्याद लोग प्रभावित होंगे.

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