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...तो 'ताज सिटी' में कुंवारे रह जाएंगे लड़के!

हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी लिंगानुपास में लगातार बढ़ते अंतर के कारण भयानक परिणाम अब सामने आने लगे हैं. वैसे तो लिंगानुपात में अंतर पूरे उत्तर प्रदेश में है, लेकिन आगरा में यह संकट इतना बढ़ चुका है कि युवाओं के लिए दुल्हनों का संकट हो गया है.

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हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी लिंगानुपास में लगातार बढ़ते अंतर के कारण भयानक परिणाम अब सामने आने लगे हैं. वैसे तो लिंगानुपात में अंतर पूरे उत्तर प्रदेश में है, लेकिन आगरा में यह संकट इतना बढ़ चुका है कि युवाओं के लिए दुल्हनों का संकट हो गया है.

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इस समस्या के कई गंभीर परिणाम आने वाले समय में उत्तर प्रदेश के समाज को झेलने पड़ सकते हैं. इससे समाज में बढ़ रहे अपराधों को भी रोकना कठिन होगा. आगरा में हालात सबसे गंभीर दिखाई दे रहे हैं, जहां सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में, विवाह से पहले होने वाले परिचय सम्मेलनों में चार लड़कों पर एक लड़की ही मिल रही है. दुल्हनों का अभाव इस कदर बढ़ गया है कि इस इलाके में विभिन्न जातियों में सामूहिक विवाह का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है.

समारोह करवाने वालों के मुताबिक सात-आठ साल पहले तक ऐसी समस्या नहीं होती थी. तब लड़कियों की संख्या ज्यादा और लड़कों की संख्या कम होती थी. इस साल जुलाई तक माथुर वैश्य, ब्राह्मण, पंजाबी, क्षत्रीय समेत कई जातियों ने अलग-अलग आठ सामूहिक परिचय और विवाह सम्मेलन करवाए. इनमें तीन हजार युवक और मात्र एक हजार युवतियां शामिल हुईं.

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माथुर वैश्य महासभा भवन, पचकुइयां पर हुए वार्ष्णेय समाज के परिचय सम्मेलन में 115 युवतियों के पंजीयन हुए थे. वहीं युवकों की संख्या 467 रही. यह स्थिति किसी एक जाति की नहीं, बल्कि हर जाति में दिखाई दे रही है. आगरा में होने वाले इन परिचय सम्मेलनों ने कन्याओं के जन्म और उनकी सुरक्षा की तमाम योजनाओं की पोल खोल दी है.

साल 2011 के जनगणना आंकड़ों के मुताबिक आगरा में हालांकि स्त्री-पुरुष अनुपात बेहतर हुआ है. यहां महिला लिंगानुपात बढ़ा है. पूरे जिले में वर्ष 2011 में प्रति 1000 व्यक्तियों पर महिलाओं की संख्या 859 है. वर्ष 2001 में यह अनुपात 846 था. केवल आगरा शहर में 2001 में महिलाओं की संख्या 851 थी, जो 2011 में बढ़कर 857 हो गई है.

कुछ सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह लिंगानुपात स्वाभाविक है. उनका कहना है कि समाज में अभी भी जिस तरह लड़के-लड़कियों में अंतर की भावना है, उसके कारण एक समस्या यह भी होगी. इसके तहत लड़कों को शादी में परेशानी आएगी. साथ ही जब समाज में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा होगी तो इस कमी के चलते समाज में अपराध की संख्या बढ़ेगी.

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