श्रीलंका में आयोजित आईफा पुरस्कार समारोहों का भले ही विरोध का सामना करना पड़ा हो, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का मानना है कि सिनेमा को पुल बनाना चाहिए और दोनों देशों को ‘राम सेतु’ की तरह काम करना चाहिए.
आईफा पुरस्कार सामारोह में यहां शरीक होने आए थरूर ने कहा कि हिंदी सिनेमा भारत की विविधता को दर्शाती है तथा फिल्मी दुनिया को कल्पनाओं का रामसेतु बनाना चाहिए.
उन्होंने तमिलों के हालात का भी जिक्र करते हुए कहा कि भारत में यह एक भावनात्मक मुद्दा है.