राजनीतिक मतभेदों से अलग दिल्ली में एक अवॉर्ड्स समारोह में अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली अवॉर्ड ले रहे और उन्हें अवॉर्ड देने वाले थे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह. मीडिया ग्रुप हिन्दू बिजनेस लाइन की ओर से आयोजित चेंजमेकर अवॉर्ड्स में जीएसटी काउंसिल को ‘चेंजमेकर ऑफ द ईयर अवार्ड’दिया गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बतौर जीएसटी काउंसिल के चेयरमैन इस अवॉर्ड को रिसीव किया. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जीएसटी को लागू करने के तरीके पर बेहद हमलावर रहे हैं. राहुल गांधी जीएसटी की तुलना गब्बर सिंह टैक्स से कर चुके हैं.
पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. जब GST काउंसिल की ओर से जेटली अवॉर्ड लेने आए तो मंच पर जोरदार नजारा देखने को मिला.
जीएसटी काउंसिल को ये अवॉर्ड 'वन नेशन वन टैक्स' की दिशा में काम करने के लिए दिया गया. बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने संघवाद के सिद्धांतों पर काम करते हुए अलग-अलग राजनीतिक दलों को एक छतरी के नीचे लाया और जीएसटी को पूरे देश में सफलतापूर्वक लागू करवाया. जीएसटी काउंसिल की कामयाबी का सबसे अच्छा उदाहरण ये है कि इसे विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए कभी भी वोटिंग का सहारा नहीं लेना पड़ा. इस काउंसिल के सामने विवाद या असहमति के जितने भी मुद्दे आए सभी सदस्यों ने मिल बैठकर ही इसका समाधान किया. जीएसटी काउंसिल का चेयरमैन होने के नाते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अवॉर्ड को लिया.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी GST को गब्बर सिंह टैक्स बता कर इसको लागू करने के ढंग पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. हालांकि GST का विचार सबसे पहले यूपीए सरकार के दौरान ही सामने आया था
10 नवंबर 2017 को राहुल गांधी ने कहा था कि वे देश में 'गब्बर सिंह टैक्स' को थोपने नहीं देंगे. उन्होंने यह बात तब कही थी जब वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने 177 चीजों से जीएसटी की दरें कम कर दी थी.We will not allow BJP to impose a Gabbar Singh Tax on India. They cannot break the back of the small and medium businesses, crush the informal sector and destroy millions of jobs. #GSTCouncilMeet
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 10, 2017