केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्राइक के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बयानों से देश के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा है और पाकिस्तान को भारत को अपमानित करने का मौका दिया है.
बता दें कि बालाकोट में भारत के हवाई हमले के कुछ दिनों के अंदर ही कांग्रेस की अगुवाई में 21 विपक्षी दलों ने एक प्रस्ताव पारित कर पीएम मोदी पर पुलवामा और बालाकोट की घटनाओं के राजनीतिकरण का आरोप लगाया था.
जेटली ने ब्लॉग लिखकर कहा कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद विपक्षी दलों ने जिस तरह का बयान दिया है उससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचा है. वे आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई पर अविश्वास दिखाकर पाकिस्तान को सुकून पहुंचाते हैं और उसके हाथों में खेल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर तो देश को एक स्वर में बात करनी चाहिए जैसा कि 1971 के युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी और जनसंघ ने किया था.
जेटली ने विपक्ष के 21 दलों द्वारा पारित प्रस्ताव को अनुचित करार देते हुए कहा कि इससे दुश्मन देश को बल मिला है और पाकिस्तान की मीडिया ने उनके बयानों का बढ़चढ़कर इस्तेमाल किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने दो बार विपक्षी दलों के नेताओं को विश्वास में लिया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि 'मैं पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के संक्षिप्त लेकिन अत्यंत आपत्तिजनक बयान से सबसे ज्यादा निराश था.
क्या कहा था मनमोहन सिंह ने
पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच मनमोहन सिंह ने कहा था गरीबी हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है और हमें गंभीर बीमारी और समस्याओं से निजात पाना होगा. उम्मीद है दोनों देश सूझबूझ दिखाते हुए अपनी समस्याओं को देखते हुए आर्थिक तरक्की की राह पर लौटेंगे. इस बयान के बाद मनमोहन सिंह को बीजेपी ने निशाने पर लिया था.
अरुण जेटली ने इस बात पर हैरानी जताई कि पूर्व प्रधानमंत्री के भाषण में आतंकवाद की निंदा तक नहीं की गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए ने 2004 से 2014 तक खराब सरकार चलाई. वहीं 2014-19 तक वे और खराब विपक्ष की भूमिका में रहे.
वित्त मंत्री ने 'इंडियाज अपोजिशन हैज अ लॉट टू लर्न' शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में लिखा कि सरकार और वायुसेना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यहां तक कि कांग्रेस के नेताओं ने भी इसी तरह के सवाल उठाए हैं.
अरुण जेटली ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने ममता के एक कदम आगे बढ़कर बात करने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने (ममता बनर्जी ने) घटनाओं की सत्यता पर ही सवाल उठाना शुरू कर दिया है और वह पूरे मामले का संचालन ब्योरा चाहती हैं.