वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कमजोर मानसून को लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं को दरकिनार करते हुए गुरुवार को कहा कि ऐसे अनुमान के आधार पर मुद्रास्फाीति या फिर दूसरे संकट के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना अतिश्योक्ति होगी.
जेटली ने कहा कि पिछले 48 घंटों और जब से भारतीय मौसम विभाग ने मानसून की कमी को लेकर पूर्वानुमान घोषित किया है, अतिश्योक्तिपूर्ण तरीके से निष्कर्ष लगाए जा रहे हैं, इसलिए इस विषय पर वित्त मंत्रालय के विचारों को व्यक्त करना जरूरी हो गया था. शेयर बाजार में पिछले तीन दिन से जारी गिरावट को रुझान मानने से इनकार करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि विशेष तौर पर अप्रत्यक्ष करों का राजस्व संग्रह-एक मुख्य संकेतक ने प्रभावी उछाल दिखाया है.
'देश के पास पर्याप्त खाद्यान्न भंडार'
जेटली ने भरोसा जताया कि उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में मानसून कमजोर रहने के पुर्वानुमान से खाद्यान्न उत्पादन प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सिंचाई सुविधाओं से युक्त है जबकि देश के दूसरे क्षेत्रों में मानसून सामान्य रहेगा. इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये देश में काफी खाद्यान्न भंडार है.
सरकार जल्द ही खरीफ फसलों की MSP घोषित करेगी: जेटली
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार धान जैसी खरीफ फसलों के लिए जल्द ही न्यूनतम समर्थन मूल्यों :एमएसपी: पर निर्णय करेगी और वह आपूर्ति बढ़ाकर दालों की कीमतें नियंत्रित करने के उपायों पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस पर निर्णय करने जा रही है और परामर्श की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही इसे मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार को कहा था कि किसानों के लिए समर्थन मूल्यों की घोषणा अगले दो सप्ताह में कर दी जाएगी. किसानों ने चालू खरीफ सत्र में धान की बुवाई शुरू कर दी है, भले ही मानसून अभी केरल के तट पर नहीं पहुंचा है.
-इनपुट भाषा से