वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को कहा कि कुछ राज्य भूमि अधिग्रहण को आसान बनाने के लिए अपने-अपने कानून बनाने को गंभीर है क्योंकि वे केंद्रीय विधेयक पर आम सहमति बनाने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना चाहते. एनडीए सरकार ने संसद में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पेश किया लेकिन विपक्ष के साथ सहमति नहीं बन पाने के के कारण यह अटक गया है.
जेटली ने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में शामिल ज्यादातर राज्यों ने कहा कि वे भू-अधिग्रहण विधेयक पर आम सहमति बनाने के लिये अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कर सकते. बैठक में कांग्रेस शासित नौ राज्यों के अलावा तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और ओड़िशा जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद नहीं थे.
राजनीतिक विरोध के चलते अटका बिल!
केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनस्थापना में उचित मुआवजे के अधिकार और पारदिर्शता कानून, 2013’ में संशोधन लाना चाहती है, जिससे औद्योगिक गलियारों समेत कुछ क्षेत्रों के लिये कृषि जमीन का अधिग्रहण आसान हो, लेकिन उसे इसके लिए राजनीतिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है और इसके कारण संसद में संशोधन अटका पड़ा है.
जेटली ने कहा, ‘एक अहम सुझाव यह आया कि केंद्र को आम सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए लेकिन राज्य इसके लिए ज्यादा समय तक इंतजार नहीं कर सकते.' वित्त मंत्री कहा, ‘अगर केंद्र इस विधेयक को आम सहमति के साथ पारित कराने में विफल रहता है तो इसे राज्यों पर छोड़ देना चाहिए. जो राज्य तेजी से विकास चाहते हैं , वे अपने-अपने राज्यस्तरीय विधेयक का सुझाव दे सकते हैं केंद्र सरकार राज्य के कानून को मंजूरी देगी. बड़े वर्ग की ओर से इसी प्रकार के सुझाव आए.’
16 राज्यों के CM हुए शामिल
हालांकि जेटली ने ऐसे राज्यों के नाम और उनकी संख्या नहीं बतायी जो भूमि अधिग्रहण के संबंध में अपना कानून बनाना चाहते हैं. उन्होंने यह भी नहीं बताया कि इसमें कितने बीजेपी और कितने गैर-बीजेपी शासित राज्य हैं. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इसमें 16 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए.
जेटली ने कहा, ‘जो मुख्यमंत्री पहले से कुछ व्यस्तता के कारण नहीं आ सके, उनमें से कई ने प्रधानमंत्री से बात की, यह समझा जा सकता है. जिन्होंने बैठक का बहिष्कार किया, उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए कि क्या नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होना सहयोगपूर्ण संघवाद की भावना के अनुरूप है. आप हमेशा आकर वैकल्पिक राय रख सकते हैं.’
'नीतीश ने कहा- यह सही समय नहीं है'
वित्त मंत्री ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने कहा कि यह सही समय नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी कहा कि पुराने कानून को कुछ और समय के लिये बरकरार रखा जाए. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि देश को कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की जरूरत है. हर विकास गतिविधि के लिए भूमि की जरूरत है.’
- इनपुट भाषा