जीएसटी पर सरकार ने देश को बड़ी राहत दी है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. 178 उत्पादों को 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब से हटाकर 18 फीसदी वाले स्लैब में कर दिया गया है. बाहर खाने वाले शौकीनों के लिए भी अच्छी खबर है. रेस्टोरेंट्स में खाने पर अभी तक जीएसटी 18 प्रतिशत लगता था. अब हर तरह के रेस्टोरेंट्स में खाने पर महज 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा. वित्त मंत्री जेटली ने दो दिन चली मैराथन बैठक के बाद ब्यौरा देते हुए टैक्स स्लैब के बारे में बताया. नया टैक्स स्लैब 15 नवंबर से लागू होगा.
178 उत्पादों पर टैक्स कम किया
वित्त मंत्री ने बताया कि 228 उत्पादों में से 178 में टैक्स दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है. डिटर्जेंट, मार्बल फ्लोरिंग और टॉयलेट के कुछ सामानों पर जीएसटी दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत की गई है. मार्बल समेत कुछ उत्पादों को 28 से 12 प्रतिशत के दायरे में लाया गया है. 13 उत्पादों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं 6 उत्पादों को 18 से सीधे 5 फीसदी पर लाया गया है. 8 उत्पादों पर 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि 6 उत्पादों को जीएसटी फ्री कर दिया गया है.
All restaurants in the country to be levied GST of 5%, no ITC benefit to any restaurant: FM Arun Jaitley after 23rd #GSTCouncilMeet pic.twitter.com/EBviOSJhlb
— ANI (@ANI) November 10, 2017
15 नवंबर से नया टैक्स स्लैब
नई टैक्स दरें 15 नवंबर से प्रभावी होंगी. जेटली ने भी माना कि जिन वस्तुओं को 28 से 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में लाया गया है, वे पहले ही उसी स्लैब में होनी चाहिए थी. जीएसटी की नई दरों से सरकार को तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपये का घाटा होगा.
178 items moved from 28% to 18% #GST slab, changes will be applicable from 15 (November): FM Arun Jaitley after 23rd #GSTCouncilMeet pic.twitter.com/jbmTacnfeD
— ANI (@ANI) November 10, 2017
कारोबारियों को भी राहत
कारोबारियों को भी राहत प्रदान की गई है. उन्हें फॉर्म 3बी भरने में राहत देते हुए अब इसे 31 मार्च तक भरा जा सकता है. वहीं डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को 15 फरवरी तक का समय दिया गया है. डेढ़ करोड़ टर्न ओवर होने पर हर माह रिटर्न फाइल करना होगा. देरी से रिटर्न भरने पर जुर्माना की राशि भी कम कर दी गई है. GSTR-1 अब तीन महीने में एक बार भरना होगा. GSTR-2 की समीक्षा के लिए कमिटी का गठन किया गया है. GSTR-4 भरने की समयसीमा 24 दिसंबर रखी गई. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि देरी से जीएसटी दाखिल करने पर शून्य देनदारी वाले करदाताओं पर जुर्माना 200 रुपये से घटाकर 20 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है.
जेटली ने भी माना, ज्यादा थीं टैक्स दरेंजेटली ने पिछले दिनों कहा था कि कुछ वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर की दर नहीं होनी चाहिए और पिछले तीन-चार बैठकों में जीएसटी परिषद ने 100 वस्तुओं पर जीएसटी की दर में कमी की है. इसके तहत कर की दर को 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत और 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की दर पर लाया गया है.
जेटली ने कहा था, "हम धीरे-धीरे कर की दर को नीचे ला रहे हैं. इसके पीछे विचार यह है कि जैसे आपका राजस्व संग्रह तटस्थ होता है हमें इसमें कमी (उच्च कर दायरे में आने वाली वस्तुओं की संख्या) लानी चाहिए और परिषद अब तक इसी रूप से काम कर रही है."
गौरतलब है कि परिषद की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को शुरू हुई थी. परिषद की यह 23वीं बैठक है. इसमें असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की एकमुश्त योजना के लिए कर दरों में कटौती के सुझावों पर भी विचार किया गया.