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जेटली से मुलाकात के माल्या के बयान पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

विजय माल्या को देश छोड़कर गए हुए 2 साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन उनके भारत लौटने की अभी कोई संभावना नहीं दिख रही लेकिन लंदन में होने के बावजूद वह देश में लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं. इस बार विवाद अरुण जेटली से मुलाकात को लेकर है.

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विजय माल्या  (फाइल)
विजय माल्या (फाइल)

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आर्थिक अपराधी विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने संबंधी बयान के बाद देश में सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. मामले के तूल पकड़ने के बाद माल्या की ओर से सफाई दी जा रही है तो विपक्ष वित्त मंत्री से इस्तीफा मांग रही है.

यह दिलचस्प है कि कांग्रेस और बीजेपी पहले ही एक-दूसरे पर भगोड़े आर्थिक अपराधियों की मदद का आरोप लगाते आए हैं. माल्या ने बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद बाहर यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि वो देश छोड़ने से पहले मामला सुलझाने के लिए वह वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे, लेकिन बैंकों की आपत्ति के वजह से मामला सुलझ नहीं सका.

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विजय माल्या के बयान के बाद फंसे जेटली को इस पर सफाई देनी पड़ गई. उन्होंने कहा कि संसद के गलियारे में माल्या उनके साथ हो लिए थे, उनसे कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई थी. जेटली ने फेसबुक पर इस संबंध में सफाई देते हुए कहा, 'माल्या का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है. मैंने 2014 से अब तक उन्हें मिलने का टाइम नहीं दिया. वह राज्यसभा सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आया करते थे. मैं सदन से निकलकर अपने कमरे में जा रहा था, इसी दौरान वह साथ हो लिए. उन्होंने समझौते की पेशकश की थी, जिस पर मैंने उन्हें रोकते हुए कहा कि मेरे साथ बात करने का कोई फायदा नहीं, यह प्रस्ताव बैंकों के साथ करें.'

जेटली की सफाई के बाद माल्या ने भी इस पर सफाई दी और कहा, 'मुझसे पूछा गया था कि मैंने भारत किन हालात में छोड़ा, इस पर मैंने बताया कि मैं संसद में जेटली से मिला था और उनसे कहा कि मैं लंदन जा रहा हूं, लेकिन हमारी आपस में कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई थी और मुझे देश छोड़ने के लिए कहीं से कोई संकेत नहीं मिला था.'

विजय माल्या के बयान के बाद विपक्ष ने इस मुद्दे को आड़े हाथ लिया और जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि माल्या को देश छोड़ने की अनुमति कैसे मिल गई. देश जानना चाहता है कि जेटली और माल्या की उस बैठक में क्या हुआ था.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर वित्त मंत्री जेटली पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मसले पर स्वतंत्र जांच कराने की मांग की. साथ ही यह भी कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक के लिए वित्त मंत्री जेटली को अपना पद छोड़ देना चाहिए.

इस प्रकरण पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि देश छोड़ने से पहले नीरव मोदी की प्रधानमंत्री से मीटिंग और विजय माल्या की वित्त मंत्री अरुण जेटली से मीटिंग से क्या साबित होता है, यह लोग जानना चाहते हैं.

माल्या के जेटली से मिलने संबंधी बयान के बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का एक तीन महीने पुराना ट्वीट भी चर्चा में आ गया. इस ट्वीट को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई लोगों ने रिट्वीट किया है जिसे 12 जून को शेयर किया गया था. इस ट्वीट में स्वामी ने लिखा, 'माल्या देश नहीं छोड़ सकता क्योंकि हवाई अड्डों पर उसके खिलाफ कड़ा लुकआउट नोटिस जारी हो चुका था. इसके बाद वो दिल्ली आया और उसने किसी प्रभावी शख्स से मुलाकात की जो विदेश जाने से रोकने वाले उस नोटिस को बदल सकता था. वो शख्स कौन ने जिसने नोटिस को कमजोर किया?'

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पूरे केस में घिरने के बाद में केंद्र सरकार की ओर से इस मुलाकात पर इंकार किया गया है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने माल्या से किसी भी मंत्री की मुलाकात की बात को खारिज किया. सरकार की ओर कहा गया है कि देश छोड़ने से पहले विजय माल्या ने प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन व्यस्त कार्यक्रम की वजह से समय नहीं दिया गया. साथ ही संसद के कॉरिडोर में एक बार माल्या ने जेटली से मुलाकात की कोशिश की थी.

कैसे भागे थे माल्या?

माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर चले गए थे. राज्यसभा के रिकॉर्ड के मुताबिक विजय माल्या 1 मार्च 2016 को राज्यसभा में उपस्थित थे और उसके अगले दिन ही 2 मार्च को वह देश से बाहर निकल भागने में कामयाब हो गए थे. वह जेट एयरवेज की फ्लाइट से दिल्ली से लंदन गए थे.

माल्या ने दो मार्च को लगभग पौने बारह बजे एयरलाइन को फोन कर अपनी यात्रा की सूचना दी थी, जिसके बाद दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर वह जेट एयरवेज की फ्लाइट 9W122 से लंदन रवाना हो गए थे. उन्होंने बोइंग 777-300 के फर्स्ट क्लास में ट्रैवल किया, उनके साथ 7 से 11 बैग थे. उनके साथ एक महिला भी थी. कहा गया कि उन्हें और उनकी महिला साथी को कॉफी और स्नैक्स दिए गए.

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विजय माल्या डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर दिल्ली से लंदन गए थे, उनके साथ जो महिला गई थी. वह कौन थी उस पर लगातार सस्पेंस बना रहा. माल्या कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य थे. इस लिहाज से सांसद, उनकी पत्नी और पति को ही डिप्लोमैटिक पासपोर्ट दिया जाता है. यह पासपोर्ट विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है.

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