देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई जवाब नहीं दिया. चेन्नई में रविवार को एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने वित्त मंत्री से पूछा कि मनमोहन सिंह के आरोपों पर उनका क्या कहना है. इसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि 'उन्होंने जो कहा, उस पर मेरा कोई विचार नहीं है. उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है.'
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'क्या डॉ. मनमोहन सिंह कह रहे हैं कि 'राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल होने के बजाय उन्हें चुप्पी साधे लोगों से सलाह लेनी चाहिए? क्या उन्होंने ऐसा कहा है? ठीक है, धन्यवाद, मैं इस पर उनकी बात सुनूंगी. यही मेरा जवाब है.'
Finance Minister Nirmala Sitharaman on former PM Manmohan Singh's remarks: Is Dr Manmohan Singh saying that 'instead of indulging in political vendetta they should consult sane voices?' Has he said that? All right, thank you, I will take his statement on it. That is my answer. https://t.co/hkQ46ikLGt pic.twitter.com/Rr187L2oGE
— ANI (@ANI) September 1, 2019
बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि 'अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है. जीडीपी का पांच फीसदी पर पहुंच जाना इस बात का संकेत है कि हम एक लंबी मंदी के भंवर में फंस चुके हैं.' उनके इस बयान की बीजेपी के कई नेताओं ने घोर आलोचना की है. इस बाबत केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण से भी सवाल पूछा गया लेकिन उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.
चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, सरकार कई क्षेत्रों के लोगों से बातचीत कर रही है. कुछ क्षेत्रों में इन्वेंट्री जमा हो रही है. इन क्षेत्रों के लोगों की बात सुनी गई है और 23 तारीख को घोषणाएं भी की गई थीं. पिछले शुक्रवार को भी हमने घोषणाएं की थीं.
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'ऑटो इंडस्ट्री के लोग हमसे मिलने आए थे. उनसे बातचीत के बाद हमारे पास घोषणाओं की एक पूरी लिस्ट है. बातचीत काफी सकारात्मक रही. ऑटो इंडस्ट्री में जीएसटी दर में कटौती मेरे हाथ में नहीं है. जीएसटी परिषद को अंतिम निर्णय लेना है. फिलहाल मूल्यह्रास दर (डिप्रेशिएसन रेट) 15 प्रतिशत है और इस साल हम इसे 30 प्रतिशत पर लाएंगे. यह भी अपने आप में एक लाभ होगा.'
आर्थिक मंदी से जुड़े एक सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मैं उद्योगों से मिल रही हूं और उनके इनपुट्स ले रही हूं. सरकार से वे क्या चाहते हैं, इस पर सुझाव ले रही हूं. मैं उनका जवाब भी दे रही हूं. मैं पहले भी दो बार ऐसा कर चुकी हूं और ऐसा आगे भी करूंगी.'
नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी (एनबीएफसी) के बारे में उन्होंने कहा, हमने ऐसे कदमों पर काम किया है जिनका जमीन पर तत्काल प्रभाव पड़ता है. हमारी घोषणाओं के बाद कम से कम 4 एनबीएफसी सामने आए हैं. हमने ऐसी कंपनियों के लिए एक स्टॉपगैप की व्यवस्था की है जिनके पास पूंजी है और जिनके पास नहीं भी है. बैंकों से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कोई बैंक बंद नहीं होगा. किसी भी बैंक से यह नहीं कहा जा रहा है कि वे जो कर रहे थे, उससे अलग कुछ भी न करें. वास्तव में हम उन्हें और पूंजी दे रहे हैं ताकि वे वही करें जो पहले करते थे.