वित्त मंत्रालय ने कहा कि जिन ऋणदाताओं के अधिकारियों को हाउसिंग लोन रैकेट के संबंध में गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने सरकार को अपनी रपटें सौंप दी हैं और आश्वासन दिया है कि निवेशकों के हितों की रक्षा की जाएगी.
एलआईसी हाउसिंग फिनांस ने अपने निवेशकों, ग्राहकों और कारोबारी सहयोगियों को आश्वासन दिया है कि विभिन्न भागीदारों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग को मिली रपटों के मुताबिक, एलआईसी हाउसिंग ने यह भी कहा है कि सक्षम अधिकारियों द्वारा ऋण मंजूर करते समय बोर्ड के दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए सभी आवश्यक प्रक्रिया अपनाई गई है.
वहीं बैंक आफ इंडिया ने कहा कि चेन्नई में सीबीआई ने अधिकारी के बारे में पूछताछ की और तीन खातों. ओपीजी पावर, बीजीआर एनर्जी और आशापुरा माइनकेम के बारे में जानकारी मांगी। बैंक का अधिकारी पहले चेन्नई लार्ज कारपोरेट ब्रांच में कार्यरत था.
रपट के मुताबिक, ‘इन तीन खातों में से केवल एक खाते में डेरिवेटिव घाटे की वजह से एनपीए है. तायल से सीबीआई द्वारा 23 नवंबर को इन तीन खातों के बारे में पूछताछ की गई.’ सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के निदेशक बोर्ड के सदस्य एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट एमएस जौहर को भी सीबीआई द्वारा हिरासत में लिया गया. बैंक ने कहा कि जौहर उसका अधिकारी नहीं है.
पंजाब नेशनल बैंक की एक अनुषंगी के अधिकारी वीके गुज्जल को भी हिरासत में लिया गया. मंत्रालय को मिली रपट के मुताबिक बैंक ने कहा है, ‘गुज्जल पीएनबी इनवेस्टमेंट सर्विसेज में बतौर मुख्य परिचालन अधिकारी काम करता है.’