प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बाद वित्त मंत्रालय ने आयकर नियमों को सरल बनाने के लिए बने टास्क फोर्स को ज्यादा अधिकार दिए हैं. इंडिया टुडे को मिले वित्त मंत्रालय के एक ऑर्डर के मुताबिक मंत्रालय ने आई-टी एक्ट के तहत नियमों को फिर से परिभाषित करने के लिए टास्क फोर्स को पुनर्गठित किया है, ताकि बेनाम और गुप्त नामों के वित्तीय लेन-देन को जांचने और सत्यापन करने का अधिकार आयकर विभाग को प्राप्त हो सके. आयकर कानून में इस बदलाव के बाद वित्तीय लेन-देन का क्रॉस वेरिफिकेशन भी किया जा सकेगा.
सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन इस टास्क फोर्स के मुखिया हैं, इसके दूसरे सदस्यों में चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरिश आहूजा, ईवाई इंडिया के चेयरमैन और रिजनल मैनेजिंग पार्टनर राजीव मेमानी, सेवानिवृत इंडियन रेवेन्यू सर्विस के अधिकारी जीसी श्रीवास्तव और कंसल्टेंट मानसी केडिया शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय ने मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णामूर्ति सुब्रमण्यम को पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के स्थान पर विशेष स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में नामित किया है, जबकि संयुक्त सचिव (राजस्व) ऋत्विक पांडे को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया है कि स्पेशल टास्क फोर्स को ज्यादा अधिकार देने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह किया था. टास्क फोर्स को ज्यादा शक्तिशाली करने का वादा चुनाव से पहले तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल के अंतरिम बजट भाषण का भी हिस्सा था.
टास्क फोर्स आयकर की जटिल प्रक्रियाओं को भी सरल बनाएगा और सुनिश्चित करेगा कि जीएसटी काउंसिल, सीमा शुल्क, सीबीडीटी और एफआईयू (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट) जैसे महत्वपूर्ण विभागों के बीच सूचनाओं की आवाजाही आसानी से हो सके.
इस टास्क फोर्स का उद्देश्य जटिल आयकर कानूनों को आसान बनाना है, जहां टैक्स की दरें कम हो, टैक्स छूट (Tax exemptions) भी कम हो. एक बार जैसे ही इसका ड्राफ्ट तैयार होता है, इसपर आम जनता की राय ली जाएगी.
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