दिल्ली में कार्यरत पत्रकार निरुपमा पाठक की मौत के मामले में उसके प्रेमी पर बलात्कार तथा आत्महत्या के लिये उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. निरुपमा की मां की ओर से आरोप लगाये जाने के बाद उसके प्रेमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है.
गौरतलब है कि निरूपमा की कथित तौर पर झूठी मानमर्यादा के लिये हत्या कर दी गई थी. कोडरमा के पुलिस अधीक्षक जी क्रांति कुमार ने शनिवार को बताया कि एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर पुलिस ने शुक्रवार शाम एफआईआर दर्ज की और इस मामले की जांच जारी है.
निरुपमा की मां शुभा पाठक की याचिका पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एनके अग्रवाल ने तिलैया पुलिस को प्रियभांशु रंजन के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक भय पैदा करने), 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा था. यह पूछे जाने पर कि चूंकि सभी धाराएं गैरजमानती हैं, ऐसे में क्या दिल्ली में कार्यरत इस पत्रकार को गिरफ्तार किया जाएगा? कुमार ने बताया, ‘हम अभी जांच की प्रक्रिया में है.’
अदालत ने शुभा को न्यायिक हिरासत के बाद नौ मई से तीन दिन के लिये पुलिस रिमांड में लिये जाने की पुलिस की एक याचिका को भी इजाजत दे दी. निरूपमा (22) दिल्ली में एक बिजनेस समाचार पत्र में कार्यरत थी. वह 29 अप्रैल को कोडरमा जिले के तिलैया स्थित अपने घर में रहस्मय परिस्थितियों में मृत हालत में पाई गई थी. शुभा ने कहा है कि यह आत्महत्या का मामला है.
हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि निरुपमा की गला दबाने से दम घुटने से मौत हुई. शव परीक्षण के दौरान 10 से 12 हफ्ते का एक भ्रूण भी पाया गया था. हत्या के शक में पुलिस ने निरुपमा की मां को गिरफ्तार किया था. निरूपमा और प्रियभांशु शादी करना चाहते थे, लेकिन निरुपमा के माता पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था क्योंकि रंजन निचली जाति का है. यह दोनों लोग दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) में सहपाठी थे.