भारत ने बुधवार को अपने पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को यहां एक सादे समारोह में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड पर डॉक से बाहर निकाला. इसका निर्माण सीएसएल में किया गया है.
सीएसएल के अधिकारियों ने बताया कि इसमें अभी कई उपकरण लगाये जाएंगे. नौसेना में शामिल किए जाने से पहले इसे कई परीक्षण प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा. इसके कई स्थतिक और गतिशील परीक्षण किए जाएंगे.
बताते चलें कि इस पोत के नौसेना में शामिल होने के बाद भारत विमान वाहक पोतों की डिजाइन एवं निर्माण करने वाले विश्व के चार देशों, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के समूह में शामिल हो जाएगा.
स्वदेशी विमान वाहक की बुनियादी डिजाइन भारतीय नौसेना के डिजाइन निदेशालय ने तैयार की है. इसकी विस्तृत डिजाइन सीएसएल टीम ने बनाई है. यह 40 हजार टन वजनी, 260 मीटर से लंबा और 60 मीटर चौड़ा है.
इसमें उड़ान भरने वाले दो रनअप एवं उतरने की लैंडिंग स्ट्रिप है. इससे स्वदेशी एलसीए सहित कई विमान एवं विभिन्न हेलीकाप्टर उड़ान भर सकेंगे और उतर सकेंगे.