कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी गुरुवार को अपना पहला बजट पेश किया. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की है. विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और जेडीएस ने अपने-अपने घोषणापत्र में इसका ऐलान किया था.
UPDATES:
-बेलगावी, कलबुर्गी और मैसूर शहरों में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले जाएंगे. इन अस्पतालों में हार्ट, कैंसर और अन्य बीमारियों का इलाज किया जाएगा. गदग, कोप्पल, चामराजनगर और हसन जिलों में 450 बिस्तरों वाले अस्पताल खोले जाएंगे. इसके लिए 200 करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे.
-2017-18 में कर्नाटक की जीएसडीपी की दर 8.5 फीसदी रही, जबकि पिछली समान अवधि में यह 7.5 फीसदी रही थी.
-राज्य में पेट्रोल के दाम में 1.14 रुपये प्रति लीटर के वृद्धि की घोषणा
-वहीं 1.20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से डीजल की कीमत में हुई बढ़ोतरी
-कर्नाटक में पेट्रोल के दाम में 30 से 32 फीसदी की बढ़ोतरी
-डीजल के दामों में 19 से 20 प्रतिशत की वृद्धि
I propose to increase the rate of tax on petrol from the present 30% to 32% and diesel from 19% to 21%, so petrol price will be increased by Rs.1.14/ltr and diesel by Rs 1.12/ltr: Karnataka CM HD Kumaraswamy while presenting the budget pic.twitter.com/9VqBhtEkGU
— ANI (@ANI) July 5, 2018
-प्राइमरी स्कूल में कन्नड़ माध्यम के साथ ही कर्नाटक में अंग्रेजी की कक्षाएं शुरू की जाएंगी, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को सरकारी स्कूल की तरफ आकर्षित किया जा सके. 1000 स्कूलों में यह प्रयोग किया जाएगा.
-बेंगलुरु झील के जीर्णोद्धार के लिए 50 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा
-कर्नाटक सरकार आदि शंकराचार्य जयंती का आयोजन करेगी
-भारतीय शराब पर 4 प्रतिशत का उत्पाद शुल्क बढ़ाया. इससे सरकार को 1000 करोड़ रुपये के राजस्व मिलने की उम्मीद है
-बेंगलुरु में पेरिफेरल रिंगरोड का निर्माण होगा, इसकी लागत 11,950 करोड़ रुपये आएगी, सरकार ने विशेष उद्देश्य वाले वाहनों को मंजूरी दे दी है
-पूर्व की कांग्रेस सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी- कुमारस्वामी
-इंदिरा कैंटिन, अन्न भाग्य योजना जारी रहेंगी, इसे और बेहतर बनाया जाएगा
-सीएम के इस ऐलान से 25 हजार किसानों को मिलेगा लाभ
-सीएम ने बताया कि किसानों की कर्ज माफी का यह पहला चरण है
-किसानों को 31 दिसंबर 2017 तक लिए कर्ज पर मिलेगा ऋण माफी का लाभ
I have decided to waive all defaulted crop loans of farmers up to 31 Dec 2017 in the first stage. Farmers who repaid the loan within time,as an encouragement to the non defaulting farmers, I have decided to credit the repaid loan amount or Rs 25000 whichever is less: Karnataka CM pic.twitter.com/VeRUhM3DT5
— ANI (@ANI) July 5, 2018
-किसानों के 34000 करोड़ रुपये के कर्म माफी की घोषणा, हर किसान का 2 लाख रुपया होगा माफ
-मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में बजट भाषण पढ़ना शुरू किया
-विधानसभा में घंटी बजी, असेंबली सभागार में विधायकों का आना शुरू
-पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया विधानसभा पहुंचे
-बजट पेश करने का यह मेरा पहला अनुभव है, मैं इसे चुनौती के तौर पर देखता हूं- कुमारस्वामी
#Bengaluru: It is a new experience for me as a finance minister. I have taken up this as a challenge to give a surplus budget: Karnataka CM HD Kumaraswamy before presenting the government's first budget pic.twitter.com/X1IpRqQiaG
— ANI (@ANI) July 5, 2018
-मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पेश करने के लिए विधानसभा पहुंचे
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर विश्वास जताया था कि सरकार अपने चुनावी वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ करेगी और यहीं से पूरे देश के किसानों के लिए उम्मीद पैदा होगी.
On the eve of the Karnataka Budget, I’m confident our Congress-JDS coalition Govt will act on our commitment to waive farmer loans & to make farming more profitable.
This budget is an opportunity for our Govt. to make Karnataka a beacon of hope for farmers all across India.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 4, 2018
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'कर्नाटक में बजट की पूर्व संध्या पर मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार किसानों की कर्जमाफी करने और खेती को अधिक मुनाफे का काम बनाने के हमारे वादे को पूरा करेगी. उन्होंने कहा, 'यह बजट पूरे देश के किसानों की खातिर कर्नाटक को आशा की किरण बनाने के लिए हमारी सरकार के पास एक अवसर की तरह है.'
राजकोषीय व्यवस्था पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों की कर्ज माफी से राज्य की राजकोषीय व्यवस्था प्रभावित होगी. इससे पहले सत्तारूढ़ रही कांग्रेस ने भी 8,165 करोड़ रुपये किसानों का कर्ज माफ किया था जिससे 22,27,506 किसानों को लाभ मिला था. लेकिन पूर्व की कांग्रेस सरकार के इस फैसले से सिर्फ उन्हीं किसानों को फायदा मिल पाया था जिन्होंने सहकारी बैंकों से 50,000 से 20 जून 2017 तक कर्ज लिया था.