मुंबई पुलिस के डीआईजी सुनील पारस्कर के खिलाफ रेप का आरोप लगाने वाली मॉडल के वकील ने अब कहा है कि मॉडल ने पब्लिसिटी हासिल करने के लिए ऐसा किया था. मॉडल के इसी वकील ने पारस्कार को पिछले महीने नोटिस भेजा था. वकील रिजवान सिद्दीकी ने पुलिस अफसर को भेजे गए नोटिस में बड़े खुलासे किए थे.
इस नोटिस की कॉपी 'आज तक' के पास मौजूद है. इसमें वकील ने मॉडल के नाम का भी जिक्र किया है. नोटिस में कहा गया है कि पारस्कर साल भर से ज्यादा समय से उनकी मुवक्किल के करीब आने की कोशिश कर रहे थे.
नोटिस के मुताबिक यह मॉडल एक बार कांदिवली स्थित पारस्कर के दफ्तर गई थी जब वो एडिशनल पुलिस कमिश्नर थे. मॉडल अपनी फरियाद लेकर पारस्कर के पास गई थी कि कुछ अज्ञात लोग मॉडल के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर इंटरनेट पर गैरकानूनी तरीके से एस्कॉर्ट सर्विस चला रहे हैं.
वकील के मुताबिक मॉडल की शिकायत पर तत्काल कोई कार्रवाई या शुरुआती जांच के बिना पारस्कर ने शिकायतकर्ता और उसकी बहन पर झूठी फरियाद का आरोप लगाते हुए उनके मुवक्किल पर ही इस एस्कॉर्ट सेवा में शामिल होने का दोष मढ़ दिया.
नोटिस के मुताबिक मॉडल का दावा है कि पारस्कर ने अपने पद की धौंस दिखाते हुए कहा था कि अगर पैसे नहीं दिए तो उसे हवालात में बंद कर देंगे. मॉडल ने इसकी परवाह किए बगैर पुलिस अफसर को मेल कर उसकी धमकी को रिकॉर्ड पर ले लिया था. इसके बाद पुलिस अफसर ने इस मामले पर पूरी तरह चुप्पी साध ली क्योंकि उसे पता था कि सच सामने आ जाएगा.
वकील का कहना था कि इस घटना के बाद उनकी मुवक्किल (मॉडल) ने बिना पुलिस की मदद से अपने खर्चे पर उस सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया और इसमें शामिल लोगों को पकड़ा. इसके बाद पुलिस की ड्यूटी थी कि वो आरोपियों को गिरफ्तार करे और गिरोह में शामिल लड़कियों में से एक को पकड़े.
इसके बाद मॉडल ने पारस्कर को कई मैसेज भेजे जिसमें उसने अनुरोध किया कि यह खबर किसी भी तरह मीडिया में लीक न हो ताकि मॉडल की इमेज को कोई नुकसान न हो. लेकिन इसके बावजूद पारस्कर ने यह खबर मीडिया को लीक कर दी. यहां तक कि पारस्कर बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले को जगजाहिर करना चाहते थे.
नोटिस के मुताबिक पारस्कर अपनी पब्लिसिटी के लिए इस मॉडल के नाम और इमेज का दुरुपयोग करने कोशिश में थे. दावा है कि मॉडल के इन आरोपों के पक्ष में उसके पास पर्याप्त सबूत हैं.
नोटिस में सिद्दीकी ने दावा किया था कि उनकी मुवक्किल ने 8 जनवरी 2014 को शाम 4 बजे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह से मिलकर पारस्कर के खिलाफ शिकायत करने का फैसला किया था. जब इसकी भनक पारस्कर को लगी तो उन्होंने मॉडल और उसकी बहन को अपने दफ्तर में बुलाया और दोनों के सामने गिड़गिड़ाते हुए अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश की. वहीं, मॉडल ने पारस्कर से कहा कि वो पूनम पांडेय के कहने पर जान-बूझकर उसका नाम और इमेज खराब कर रहे हैं. पारस्कर ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अपने बेटे तक की कसम खाई थी.
पारस्कर पर आरोप है कि उन्होंने मॉडल से करीबी बढ़ाने की कोशिश की और उन्होंने कई मेल और मैसेज भेजे. पारस्कर ने मॉडल को कॉफी शॉप और अन्य दूसरी जगह पर मिलने के भी बुलाया. वकील का दावा है कि इस बारे में उनकी मुवक्किल के पास पर्याप्त सबूत हैं.