बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने का आरोप लगाया है. लोकसभा में असहिष्णुता पर भाषण देते हुए उन्होंने कहा, 'फिल्मकारों और तथाकथित बुद्धिजीवियों ने असहिष्णुता का हवाला देकर अवॉर्ड लौटाए हैं.'
लेखी ने कहा, देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें मौजूदा हालात की चिंता है और वह देश को बेहतर स्थिति में देखना चाहते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने अवॉर्ड नहीं लौटाए. जिन लोगों ने अवॉर्ड वापस किए हैं वह संकेत दे रहे हैं कि उन्हें यह राजनीतिक हितों के चलते दिया गया है.
गृहमंत्री पर लगे आरोपों पर भी साधा निशाना
गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर संसद में आरोप लगने के मुद्दे पर बीजेपी सांसद ने कहा कि इस मामले में सदस्य और संबंधित पत्रकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाया जाना चाहिए. इसी पार्टी के किरीट सोमैया ने कहा कि माकपा सदस्य को बिना नोटिस के बयान नहीं देना चाहिए था और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी के ही हुकुम सिंह ने इस मामले में माकपा सदस्य और पत्रकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है और मांग की है कि इस पर कार्रवाई हो.
मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि 18 महीने पहले सत्ता से बाहर हुए लोग नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ असहिष्णुता का रवैया अपनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि असहिष्णुता नहीं बढ़ी है. यह कृत्रिम है और सरकार को बदनाम करने के लिए है.