आरएसएस और आतंकवाद के रिश्तों पर भारत सरकार ने कहा है कि उसके पास इसके ठोस सबूत हैं. गृह सचिव ने आरोप लगाया है कि कम से कम दस लोग ऐसे हैं जिनके बारे में जांच एजेंसियों के पास इसकी पुख्ता जानकारी है. लेकिन आरएसएस ने ये कहकर इसे दरकिनार कर दिया कि उन सबूतों का साबित होना अभी बाकी है.
राष्ट्रवादी राजनीति के योद्धा मनमोहन वैद्य ने कहा आरोप ही तो हैं, जब साबित होगा तब देखा जाएगा और सबूतों का साबित होने से दूरी आप जानते ही हैं. साथ ही उन्होंने गृह सचिव को भी गैर जिम्मेदाराना देने के लिए लताड़ा.
आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान देने के लिए शिंदे को माफी मांगनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता और इसे हिन्दुओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
गौरतलब है कि शिंदे ने भाजपा और संघ पर हिन्दू आतंकवाद को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया था जिससे विवाद खड़ा हो गया है. इस बीच केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने गृह मंत्री की बातों का समर्थन किया है. आरके सिंह ने कहा है कि सरकार के पास इस बात के सबूत हैं कि 10 संदिग्ध आतंकवादियों के संघ से रिश्ते रहे हैं. ये वे लोग हैं, जिनका नाम समझौता ब्लास्ट, मालेगांव ब्लास्ट और अजमेर ब्लास्ट में आया है. इनसे से कई संदिग्ध आतंकी पकड़े जाने से पहले संघ के प्रचारक थे.