बीएसपी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य में अब खुद की मार्केटिंग शुरू कर दी है. उन्होंने शनिवार को लखनऊ में जनता को संदेश दिया, उन्होंने कहा कि राज्य में अमन-चैन और शांति का माहौल फिर से वापस लाने के लिए उनका फिर से मुख्यमंत्री बनना बेहद जरूरी है.
लगता है मायावती को अब मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूरी बर्दाश्त नहीं हो पा रही है. लखनऊ में शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेस करके मायावती ने ऐलान किया कि यूपी के लिए उनका मुख्यमंत्री बनना बेहद जरूरी हैं. प्रदेश के बिगड़े वातावरण में लोग अब उनके अच्छे शासन काल को याद कर रहे हैं. उन्होंने मीडिया के जरिए यूपी की जनता को यहां तक भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार आएगी तो गुंडे माफियाओं को उनके सही पते यानी जेल भेज दिया जाएगा. साथ ही उनकी सरकार अमन चैन और विकास के रास्ते पर सबको साथ लेकर चलेगी.
मायावती ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की एनडीए सरकार पर भी हमला किया. उन्होंने कहा, तीन महीने का शासनकाल अब लोगों को मायूस और निराश करने लगा है. माया कहा, 'मोदी राज के पहले 90 दिन बेहद ही निराशाजनक रहे. अच्छे दिन लाने के लिए 90 दिन काफी होते हैं. मोदी सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर सकी.'
उन्होंने कहा, 'मोदी ने सत्ता में आने से पहले कई वादे किए. लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया. शासनकाल के पहले तीन महीने में मोदी ने अपने समर्थकों को निराश किया है.' मायावती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'संघ अंसवैधानिक संगठन के तौर पर उभरा है. आरएसएस मुखिया मोहन भागवत के हिंदुत्व वाले बयान से देश में कभी सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है.'
उन्होंने एक बार फिर अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही. मायावती ने राज्य की सपा सरकार पर निशाना तो साधा ही, साथ में बीजेपी पर विधानसभा उपचुनाव से वोटों के ध्रुवीकरण का भी आरोप लगाया.