अरब सागर में भारत-पाक समुद्री सीमा के पास 31 दिसंबर की रात विस्फोटकों से भरी एक संदिग्ध बोट में धमाके की घटना का खुलासा होने के बाद खबर आ रही है कि पोरबंदर में दो और बोट देखी गईं हैं. कोस्टगार्ड इन दोनों बोट को घेरने के लिए अभियान चला रहा है. कोस्टगार्ड ने 'राजरतन' के अलावा एक और शिप को ऑपरेशन पर भेजा है. खुफिया सूचना के आधार पर इन दो बोटों को घेरा जा रहा है. खुफिया एजेंसी एनटीआरओ ने सैटेलाइट से फिशिंग बोट में चल रही बातचीत और गतिविधियों को रिकॉर्ड किया, जिसके बाद कोस्टगार्ड को ऑपरेशन के लिए कहा गया है. हालांकि, कोस्टगार्ड को अभियान चलाने में दिक्कत आ रही है.
इससे पहले शुक्रवार को कोस्ट गार्ड हेडक्वार्टर ने जानकारी दी थी कि पोरबंदर से करीब 365 किलोमीटर की दूरी पर 31 दिसंबर की रात विस्फोटकों से भरी बोट में धमाका हुआ था. इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंडियन कोस्ट गार्ड ने करीब एक घंटा बोट का पीछा किया था, लेकिन पकड़े जाने के डर से बोट पर सवार लोगों ने आग लगा दी, जिसके बाद उसमें जोरदार धमाका हुआ था.
अभी तक मिले सारे सबूत पाकिस्तान की ओर से इशारा कर रहे हैं. यहां बड़ा सवाल यह है कि कहीं नए साल के मौके पर मुंबई जैसा हमला करने की तैयारी तो नहीं थी? मुंबई हमले के वक्त भी आतंकी बोट से ही भारतीय सीमा में घुसे थे? गौर करने वाली बात यह भी है कि खुफिया एजेंसियों ने पहले ही सूचना दे दी थी कि कराची के केटी बंदरगाह से एक बोट भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास करेगी. इसी इंटेलीजेंस इनपुट के कारण इंडियन कोस्ट गार्ड इस बोट को भारत में घुसने से रोकने में कामयाब भी रहे.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 31 दिसम्बर को प्राप्त गुप्तचर सूचना के अनुसार कराची के केटी बंदरगाह से मछली पकड़ने वाली एक नौका अरब सागर में कुछ नियम विरूद्ध कार्य की योजना बना रही थी.सूचना के अनुसार भारतीय तटरक्षक बल के एक डोर्नियर विमान ने समुद्र-हवाई समन्वित तलाशी अभियान शुरू किया और मछली पकड़े जाने वाली नौका का पता लगा लिया. इसके बाद क्षेत्र में गश्त कर रहे तटरक्षक जहाज को उस ओर भेजा गया जिसने नौका को 31 दिसम्बर की आधी रात को पोरबंदर से 365 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम दिशा में रोकने का प्रयास किया गया. तटरक्षक बल के जहाज ने मछली पकड़ने वाली नौका को चालक दल एवं कार्गो की जांच के लिए रुकने की चेतावनी दी.
यद्यपि नौका ने अपनी गति बढ़ा दी और भारत की समुद्री सीमा से दूर भागने का प्रयास किया. नौका का पीछा करने का सिलसिला करीब एक घंटे तक चला और तटरक्षक दल चेतावनी देने के लिए गोलियां दागकर नौका को रोकने में सफल रहा. बयान में कहा गया है कि नौका पर चार व्यक्तियों को देखा गया जिन्होंने तटरक्षक की रुकने और जांच में सहयोग करने की सभी चेतावनियों को नजरंदाज किया. बयान में कहा गया है कि इसके कुछ ही देर बाद नौका के चालक दल के सदस्य नीचे के डेक कंपार्टमेंट में छुप गए और नौका में आग लगा दी. इसके परिणामस्वरूप एक विस्फोट हुआ जिसके बाद नौका पर भयंकर आग लग गई.
अंधेरा, खराब मौसम और तेज हवाओं के चलते नौका और उस पर सवार लोगों को न तो बचाया जा सका और न ही उनकी बरामदगी हो सकी. नौका एक जनवरी को तड़के उसी स्थिति में जलकर डूब गई. 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले में शामिल 10 आतंकवादी पाकिस्तान के कराची से एक नौका में मुम्बई पहुंचे थे. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी.
बयान में कहा गया है कि तटरक्षक जहाज और विमान इस बात का पता लगाने के लिए क्षेत्र में अभियान जारी रखे हुए हैं कि इसमें कहीं कोई जिंदा तो नहीं बच गया था. तटरक्षक और अन्य सुरक्षा एजेंसियां समुद्री रास्ते से खतरे के बारे में दी गयी गुप्त सूचनाओं के मद्देनजर गत कई महीनों से भारतीय समुद्री सीमा और तटवर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही हैं.