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नकली खजाना और ठगी का जाल...,62 साल का मास्टरमाइंड चला रहा था गिरोह, पकड़ा गया रंगे हाथ

तमिल नाडु के थिरुवनमलाई में सेंगम के पास खजाने के नाम पर नकली सोने के सिक्के 36 लाख में बेचने की कोशिश करते एक गिरोह को पुलिस ने पकड़ लिया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

तमिल नाडु के थिरुवनमलाई में सेंगम के पास खजाने के नाम पर नकली सोने के सिक्के बेचने का प्रयास करने वाले पांच लोगों के एक गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार किया.

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जिला पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक गिरोह 36 लाख रुपये में कुछ नकली जेवरात बेचने की कोशिश कर रहा है. इन्हें धरने के लिए एक जाल बिछाया गया और पुलिस ने अपराधियों को पकड़ लिया. जांच से पता चला कि इसका मास्टरप्लान मुरैयार के 62 साल केन धर्मलिंगम ने बनाया था.

धर्मलिंगम ने अपने रिश्तेदारों को कहा था कि वह अपने परिवार के साथ शहर से बाहर जा रहे हैं और एक एसयूवी में सवार होकर निकले हैं. इसके बाद उसने वाहन को मुरैयार के बाहरी इलाके में पार्क किया, जहां मोटरसाइकिल पर सवार चेन्नई के कमल और राजकुमार नाम के दो लोग सोने के सिक्के खरीदने के लिए उसके पास आए, तभी पुलिस ने घेर लिया और धर्मलिंगम और उसके गिरोह को पकड़ लिया. कमल और राजकुमार मौके से भाग निकले और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

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पुलिस सूत्रों ने बताया कि धर्मलिंगम ने पहले 4 लाख रुपये में नकली सोने के सिक्के बेचकर एक टीम को धोखा दिया था और जब उसने दोबारा ऐसा करने का प्रयास किया, तो पुलिस सतर्क हो गई, जिन्होंने धर्मलिंगम को पकड़ लिया.

उसका काम करने का तरीका यह था कि वह दावा करता था कि एक कुआं खोदने के दौरान उसे सोने के सिक्कों का खजाना बरामद हुआ था. ऐसे में जब कोई पक्ष दिलचस्पी दिखातातो धर्मलिंगम उसे देखने के लिए असली सोने के सिक्के देता था और फिर बाद में नकली सिक्के बेच देता और पैसे लेकर फरार हो जाता था.

सेंगम पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. धर्मलिंगम, उसके बेटे वेंकटेशन, अरुल मुरुगन, सत्यराज, सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पास से 40 ग्राम नकली सोने के सिक्के और एक एसयूवी बरामद की गई है. आगे की जांच जारी है.

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