राजगढ़ की विशेष न्यायाधीश (अत्याचार निवारण) कृष्णा एस. त्रिवेदी ने एक नेत्रहीन व्यक्ति की गवाही पर युवक की हत्या के मामले में पांच लोगों को उम्रकैद और छह-छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
इस फैसले में अदालत ने नेत्रहीन रामकिशन द्वारा आरोपियों की आवाज पहचानते हुए गवाह देने को भी एक प्रमुख आधार माना है। वह मृतक का बड़ा भाई है.
अभियोजन के अनुसार, 20 जनवरी 09 को जिले के ब्यावरा थानातर्गत ग्राम अतरालिया निवासी दलित गंगा प्रसाद का शव ब्यावरा स्थित एक मंदिर के पीछे कचरे के ढेर से मिला था. पुलिस ने कालूराम सेन, बजेसिंह दांगी, रमेश दांगी, मुकेश दांगी तथा दलित रामचन्द्र निवासी अतरालिया को हत्या का आरोपी बनाया था.
गवाही के दौरान अदालत को नेत्रहीन रामकिशन ने आरोपियों की आवाज पहचानते हुए बताया कि उसका भाई गंगाप्रसाद घटना की रात इन्ही के साथ था. इससे स्पष्ट हुआ कि गंगाप्रसाद घटना की रात आरोपियों के साथ मौजूद था.
इस मामले में अदालत के समक्ष भी नेत्रहीन रामकिशन ने आरोपियों की आवाज पहचानते हुए अपने कथन की पुष्टि की.
विशेष न्यायाधीश ने सुनाये अपने आदेश में आरोपी कालूराम सेन, बजेसिंह दांगी, रमेश दांगी, मुकेश दांगी, तथा दलित रामचन्द्र को उम्रकैद और छह-छह हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.