scorecardresearch
 

5 वजह आखिर क्यों सुषमा स्वराज ही हैं असली विदेश मंत्री

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि पीएम मोदी भारत की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री की ताबड़तोड़ विदेश यात्राओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने यह बयान दिया. गौरतलब है कि मोदी सरकार में विदेश नीति पर खासी सक्रियता को देखते हुए यहां तक कहा जा रहा है कि वो विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी भी खुद संभाल रहे हैं. लेकिन ऐसा है नहीं. देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साबित कर दिया है कि वो ही असली विदेश मंत्री हैं.

Advertisement
X
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि पीएम मोदी भारत की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री की ताबड़तोड़ विदेश यात्राओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने यह बयान दिया. गौरतलब है कि मोदी सरकार में विदेश नीति पर खासी सक्रियता को देखते हुए यहां तक कहा जा रहा है कि वो विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी भी खुद संभाल रहे हैं. लेकिन ऐसा है नहीं. देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साबित कर दिया है कि वो ही असली विदेश मंत्री हैं.

Advertisement

1. सुषमा स्वराज ने पीएम नरेंद्र मोदी से ज्‍यादा सफर किया
करीब सालभर के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ देशों की यात्रा की है. वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इससे दोगुना 16 देशों का दौरा किया है.

2. दोनों शिखर सम्मेलनों की जान हैं
नरेंद्र मोदी अब तक छह शिखर सम्मेलनों में शिरकत कर चुके हैं

-ब्रिक्स समिट
-आसियान-भारत समिट
-ईस्ट एशिया समिट
-जी-20
-14 साउथ पैसिफिक आइलैंड देशों की समिट बैठक
-दक्षेस

ठीक इसके बराबर सुषमा स्वराज ने भी छह समिटों में हिस्सा लिया है. 

-आसियान रीजनल फोरम
-शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन
-संयुक्त राष्ट्र
-दक्षेस सम्मेलन
-2014 आसियान रीजनल फोरम
-चीन में विदेश मंत्रियों की बैठक

3 'पहले पड़ोसी' वाली नीति पर भी चलती हैं सुषमा स्वराज


प्रधानमंत्री ने अपने पहले ‌द्विपक्षीय दौरे के लिए भूटान और नेपाल को चुना, तो स्वराज ने ढाका और काठमांडू को अपने कार्यक्रम में तरजीह दी.पीएम मोदी ने आठ मुल्कों का दौरा किया, जिनमें से 8 ‌एशियाई हैं. वहीं स्वराज ने 16 देश घूमे, जिनमें से 14 एशियाई हैं.

Advertisement

4. सुषमा स्वराज ने जटिल मुद्दे भी संभाले


पीएम मोदी ने अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के नेताओं से हाई प्रोफाइल मुलाकात की. दूसरी तरफ सुषमा स्वराज की कूटनीतिक चतुराई की बदौलत
-इराक में फंसी 46 भारतीय नर्सें लौट सकीं
-पश्चिमी एशिया में फंसे भारतीयों का मामला संभला
- विदेश में मारे गए भारतीयों के शव स्वेदश लाने के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया
-इराक में अगवा 40 भारतीयों के परिवार से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया
-अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के बाद वो चीन गईं, ताकि पड़ोसी की आशंकाओं का निपटारा हो सके

5. जटिल मुद्दों में भी व्यक्तिगत दक्षता का तड़का लगाया


सुषमा स्वराज ने विदेश नीति के मामलों में भी मानवता और अपनेपन का छौंका लगाया. इसका परिचय राज्यसभा में दिए उनके एक भाषण में मिला. स्वराज ने इराक में अगवा भारतीय मजदूरों के मुद्दे पर बोलते हुए कहा, 'मैं एक मां की तरह इंतजार कर रही हूं, जो अपने बेटे के लौटने का इंतजार कर रही है...मैंने हर वो दरवाजा खटखटाया, जहां से मदद मिल सकती थी.'

मोदी की ग्लोबल पहुंच और लो-प्रोफाइल रहते हुए सुषमा स्वराज का इतनी चतुराई से विदेश में पैठ बनाना, यह साफ करता है कि देश में अच्छे दिन आए या ना आए, हमारी विदेश नीति के अच्छे दिन आ गए हैं.

Advertisement

(साभार: newsflicks.com)

Advertisement
Advertisement