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नगालैंड का सियासी इतिहास बदलने के लिए चुनाव मैदान में हैं ये 5 महिलाएं

नगालैंड विधानसभा के इतिहास में आज तक कोई महिला चुनकर विधानसभा नहीं आई हैं. हैरान करने वाली बात तो यह कि 1963 में नागालैंड राज्य बनने के बाद अब तक केवल 30 महिलाओं ने ही नॉमिनेशन फाइल किया है.

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नगालैंड में पांच महिलाएं पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं.
नगालैंड में पांच महिलाएं पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं.

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नगालैंड में आज विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. यहां नौ राजनीतिक पार्टियों और 257 निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. इनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं. कयास लगाया जा रहा है कि इस बार के चुनाव में महिलाएं नया चुनावी ट्रेंड स्थापित कर सकती हैं.  

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार ज्यादा महिलाओं ने नॉमिनेशन फाइल किया है. पिछली बार केवल दो महिलाओं ने नॉमिनेशन फाइल किया था.

बता दें कि नगालैंड विधानसभा के इतिहास में आज तक कोई महिला चुनकर विधानसभा नहीं आई हैं. हैरान करने वाली बात तो यह कि 1963 में नगालैंड राज्य बनने के बाद अब तक केवल 30 महिलाओं ने ही नॉमिनेशन फाइल किया है.

केवल 1977 में रानो एम शाइज़ा चुनकर लोकसभा पहुंची थीं. तब से अब तक कोई भी महिला विधानसभा या लोकसभा नहीं पहुंची हैं.

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इस बारे में महिला प्रत्याशी अवान कोनयक का कहना है कि, "महिलाओं के विधानसभा ना पहुंच पाने के लिए पुरुषों को दोष देना गलत है. इसके लिए खुद महिलाएं ही जिम्मेदार हैं. वो खुद आगे आकर नागालैंड की राजनीति में नहीं आई. लेकिन अब वक्त बदला है. महिलाओं को आगे आना ही होगा."

उन्होंने बताया कि, "मेरे तीन भाई हैं. चाहते तो वो भी चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन नागालैंड के लोगों से मिल रहे समर्थन के बाद मैं इस बार चुनावी मैदान में उतरी हूं."

बता दें कि अवान उन पांच महिला प्रत्याशियों में से एक हैं, जो इस बार चुनाव लड़ रही हैं. वे नागालैंड के पूर्व शिक्षा मंत्री न्येईवांग कोनयक की बेटी हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लिंग्विस्टिक्स में एमए किया है. वे इस चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.

नागालैंड यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस की प्रोफेसर मोआमीनला आमेर भी इस बार चुनाव लड़ रही हैं. उनका कहना है कि, "नागालैंड में महिलाओं की दशा अच्छी नहीं है. इसलिए वे राजनीति में आगे नहीं आती हैं. यहां महिलाओं की विचारधारा अलग हैं. वे खुद को राजनीति के लिए फिट नहीं समझती. इसलिए वे आगे नहीं आती हैं."

अवान और मोआमीनला के अलावा तुएनसांग संसदीय क्षेत्र से राखिला ने नॉमिनेशन भरा हैं. वे बीजेपी की टिकट से दूसरी बार यहां से चुनाव लड़ रही हैं. फिलहाल राखिला बीजेपी स्टेट वाइस प्रेसिडेंट हैं.

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वहीं, नेशनल पीपल्स पार्टी ने दो महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है. इनमें से डॉ. के मंज्ञानपुला मेडिकल प्रैक्टिस कर रही हैं. जबकि 27 साल की वेदीऊ क्रोनु सबसे कम उम्र की प्रत्याशियों में से एक हैं. इसके अलावा रेखा रोज दुक्रू ने निर्दलीय नॉमिनेशन भरा है.   

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