आप सोच रहे होंगे डॉक्टरों का फ्लाइट लेट कराने से क्या कनेक्शन है तो हम आपको पूरा मामला बताते हैं. 8 मार्च को एक एयरलाइन के कर्मचारी ने IGI एयरपोर्ट पर सरकार के नियुक्त किए हुए डॉक्टर को फोन करके दुबई से आई फ्लाइट के यात्रियों की जांच करने के लिए कहा तो डॉक्टर को अपनी नींद खराब होने पर गुस्सा आ गया. डॉक्टर ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट फाड़ दिया और कर्मचारी को कहा कि यात्री एक घंटा एनओसी मिलने का इंतजार करे या फिर वो उनसे माफी मांगे.
इंडिया गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जब डॉक्टर इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाले मुसाफिरों की स्वाइन फ्लू की जांच करने में देर करते हैं, जिससे फ्लाइट का शेड्यूल गड़बड़ा जाता है. हमारे सहयोगी अखबार 'मेल टुडे' के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एयरपोर्ट स्वास्थ्य संगठन (APHO) के डॉक्टरों की वजह औसतन हर 10 दिन में एक फ्लाइट लेट हो रही है. जबकि रोजाना इन डॉक्टरों की वजह से आधे घंटे की देरी हो जाती है. यात्री डॉक्टरों की वजह से छह-छह घंटे तक देर होने की शिकायत कर चुके हैं.
सिविल एविऐशन निदेशालय ने सभी फ्लाइट्स के उड़ने से पहले उन्हें स्कैन करने के आदेश दिए हुए हैं, ताकि स्वाइन फ्लू का इंफेक्शन न फैलें. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि एयरपोर्ट पर रोजाना एक लाख यात्रियों को स्कैन करना संभव नहीं है. इसी वजह से फिलहाल डॉक्टर उन चार देशों से आने वाली 12 एयरलाइंस के यात्रियों की जांच करते हैं, जहां स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा असर है. एक एयरपोर्ट अधिकारी के मुताबिक, ऐसे बहुत सारे मामले सामने आए हैं, जब APHO के डॉक्टरों की वजह से फ्लाइट लेट हुई और यात्रियों को प्रताड़ना झेलनी पड़ी. हालांकि ये डॉक्टर इन आरोपों से इनकार करते हैं.
एयरपोर्ट के अधिकारी के मुताबिक, 'पिछले साल IGI एयरपोर्ट से उड़ी केन्या एयरवेज की एक फ्लाइट को इसलिए वापस आने के लिए कहा गया क्योंकि APHO के डॉक्टर उसमें मौजूद एक यात्री की जांच करना भूल गए थे. केन्या एयरवेज ने बताया कि फ्लाइट पाकिस्तान पहुंच चुकी है और अब वो उसे वापस दिल्ली नहीं ला सकते.'