केरल के बाद अब तमिलनाडु में भी बाढ़ आने की आशंका को लेकर प्रशासन सचेत हो गया है. मेट्टूर का स्टैनली जलाशय 120 फुट की अपनी पूरी क्षमता तक भर चुका है, जिसके बाद राज्य के 12 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.
उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा है कि भीषण बाढ़ से अब तक राज्य में 8,316 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. यह आंकड़ा राज्य में बाढ़ के हालात के प्रारंभिक आकलन के आधार पर आया है. इसी के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक ज्ञापन दिया गया है. विजयन ने कहा कि बाढ़ से राज्य में करीब 20,000 मकान पूरी तरह से ढह गए हैं और PWD की करीब 10,000 सड़कें टूट गई हैं.
रविवार शाम तक कावेरी नदी में 1.10 लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा चुका है. कर्नाटक के काबिनी और कृष्णा सागर बांध के डूब इलाकों में भारी बारिश की वजह से तमिलनाडु के मेट्टूर बांध में भी बहुत ज्यादा पानी पहुंच रहा है.
राज्य सरकार ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से खाली कर कहीं और जाने का सुझाव दिया है. लोगों को यह चेतावनी भी दी गई है कि वे मछली पकड़ने, तैराकी या अन्य किसी भी गतिविधि के लिए कावेरी नदी में न जाएं.
तमिलनाडु के सालेम, इरोड, नमक्कल, करूर, त्रिची, तंजावुर, थिरुवरूर, नागपट्टनम, कुडडालोर, पुडुक्कोट्टाई, पेरम्बलूर और अरियालूर जिले में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. मेट्टूर बांध का निर्माण 1934 में किया गया था और यह अब तक 40 बार अपनी पूरी क्षमता तक भर चुका है.
गौरतलब है कि केरल में बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. पिछले 40 साल में यहां सबसे भीषण बाढ़ देखी गई है. 8 जिले बाढ़ की चपेट में है. सेना, नेवी से लेकर एनडीआरएफ राहत कार्य में लगे हुए हैं.
रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के दो बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि सूबे में स्थिति बेहद गंभीर है. इस दौरान उन्होंने 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भी जल्द जारी करने की घोषणा की.
एक फेसबुक पोस्ट में केरल के सीएम विजयन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 400 करोड़ रुपये की सहायता दी जाए.