पूर्वी मध्य प्रदेश और दक्षिण उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बाद पिछले 24 घंटों से पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में कई जगहों पर भारी बारिश दर्ज की गई है. पंजाब और हिमाचल में भी कई जगहों पर जोरदार बारिश रिकॉर्ड की गई. ऐसे में मौसम विभाग ने केन और बेतवा नदी में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है.
पिछले दो तीन दिनों से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य में सतना के पास से निकले गहरे दबाव के क्षेत्र के चलते भारी बारिश हुई है. इस दबाव के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश दर्ज हुई. इससे केन और बेतवा नदियों और इनकी सहायक नदियों से जुड़े क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना जताई गई है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
20 अगस्त को हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें, तो लुधियाना में 8 सेंटीमीटर, राजगढ़ में 7 सेंटीमीटर, शाजापुर और चित्तौड़गढ़ में 6-6 सेंटीमीटर, उज्जैन में 5 सेंटीमीटर और भोपाल में 3 सेंटीमीटर की बारिश रिकॉर्ड की गई. मौसम विभाग के मुताबिक, इस जोरदार बारिश के पीछे मानसून के अक्ष पर बने गहरे दबाव का एक क्षेत्र है. इस समय ये वेदर सिस्टम पश्चिम मध्य प्रदेश के ऊपर है. ऐसा अनुमान है कि अगले 24 घंटों में ये वेदर सिस्टम कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन इसके चलते पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और गुजरात में अगले 24 घंटों में कई जगहों पर भारी की आशंका है.
इन इलाकों में बाढ़ का खतरा
मध्य प्रदेश के विदिशा, सागर, अशोक नगर और टीकमगढ़, जबकि उत्तर प्रदेश के ललितपुर, झांसी और जालौन जिलों में भी अत्यधिक बाढ़ की संभावना जताई गई है. राजघाट और माताटीला बांधों से छोड़े जाने वाले पानी के कारण निचले जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा होने की संभावना है.