उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है. बादल लगातार बरस रहे हैं और नदियां उफना रही हैं. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में तो जल प्रलय के हालात हैं. यही हाल राजस्थान, आधे बिहार, गुजरात के तीन ज़िले तथा पश्चिम बंगाल के पूर्वी और पश्चिम मिदनापुर जिलों में हैं. बाढ़ ने यहां भी कहर बरपा रखा है.
उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया और ये खतरे के निशान से एक मीटर उपर बह रहीं हैं. नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं और हजारों लोग अपना घर बार छोड़ना पड़ा है. गंगा में उफान के चलते उसके किनारे बसे इलाहाबाद, मिर्जापुर समेत करीब आधा दर्जन जिलों में बाढ़ के हालात हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश की ज्यादातर नदियां खतरनाक रूप अख्तियार कर चुकी हैं. घाघरा में उफान के चलते गोरखपुर, गोंडा और संतकबीर नगर जिले के तमाम इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. वहीं बुंदेलखंड में यमुना, बेतवा और केन नदियां खतरे के निशान से करीब तीन मीटर ऊपर बह रही हैं. सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
मध्यप्रदेश की बड़ी नदियों में शुमार नर्मदा खतरे के निशान से उपर बहने और लगातार भारी बारिश की वजह से होशंगाबाद के आधे से ज्यादा इलाके में पानी घुस चुका है. इलाके के पचास से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. ये हाल सिर्फ होशंगाबाद का नहीं, उज्जैन से लेकर रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खरगोन, बड़वानी और खंडवा ज़िलों समेत मध्यप्रदेश के कई इलाकों का है जो इस वक्त बाढ़ की मार से बेजार हैं. अब तक हुई बारिश और बाढ़ के चलते मध्यप्रदेश में सौ से ज्यादा जाने की ख़बरे हैं.
उधर सरदार सरोवर बांध छलक रहा है . नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की उंचाई 121.92 मीटर तय है. लेकिन पिछले तीन दिनों से यहां पानी अपनी क्षमता से करीब 10 मीटर उपर बह रहा है जिसके चलते नर्मदा, वडोदरा, भरुच जिलों के बड़े इलाकों में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. प्रशासन ने इन तीन ज़िलों के 108 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा है.
राजस्थान के धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से करीब 8 मीटर उपर बह रही है. नदी में पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए प्रशासन चौकस हो गया है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए आगरा-मुंबई सड़क पर आवाजाही रोक दी गई है. कोटा बराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से भी नदी के जलस्तर में जबरदस्त इजाफा हुआ है.
पश्चिम बंगाल में भी बाढ़ ने कई इलाकों में कहर बरपा रखा है. सबसे ज्यादा तबाही पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर इलाकों में हुई है. मुकुटामणिपुर बैराज से पचास हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते पश्चिमी मिदनापुर के 35 गांव पुरी तरह तबाह हो चुके हैं. दस हजार से ज्यादा घरों को बाढ़ के पानी से नुकसान पहुंचा है. घाटाल और केशपुर में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है.