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राजधानी दिल्‍ली पर बाढ़ का खतरा और गहराया

एक तरफ यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. युमना खतरे के निशान से करीब 36 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. दूसरी तरफ हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है.

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एक तरफ यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. युमना खतरे के निशान से करीब 36 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. दूसरी तरफ हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है.

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हालांकि दिल्ली प्रशासन इन हालात से निपटने में जुटा है, लेकिन दिल्ली पर बाढ़ का खतरा भी गहराता जा रहा है.

दिल्ली में यमुना नदी उफन रही है. यह अब खतरे के निशान 204.83 मीटर से ऊपर 205 .19 मीटर के आसपास पहुंच गई है, जो लाल निशान से 36 सेंटीमीटर ज्यादा है. दरअसल लगातार हो रही बारिश और हथिनीकुंड का पानी यमुना के इस गुस्से की आग में घी का काम कर रहा है. हथिनीकुंड से तीन लाख 24 हजार क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है. साथ ही पिछले 24 घंटे में दिल्ली में हुई करीब 44 मिमी बारिश दिल्ली के निचले इलाकों में कहर ढा सकती है.

बाढ़ के खतरा को भांपकर प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को निकालने में जुटा है. वहीं यमुना के जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के बुराड़ी, जगतपुर, इब्राहिमपुर, नत्थुपुरा, झंगोला, पल्ला गांव, उस्मानपुर, गढ़ी मांडू, सोनिया विहार और यमुना से सटे कई गांवों पर खतरा मंडरा रहा है.{mospagebreak}जगतपुर जैसे यमुना किनारे के कई गांवों में बांध को मजबूत किया जा रहा है, हालांकि कई लोगों तक प्रशासन अभी नहीं पहुंचा. बहरहाल बाढ़ से बेघर हुए लोगों के लिए यमुना पुश्ते पर सड़क के किनारे टेंट लगाए गए हैं, स्वास्थ्य सेवा के लिए मोबाइल वैन भी घूम रही है, मगर जब हथिनी कुंड से छूटा पानी दिल्ली तक पहुंचेगा और जब खतरा और बढ़ जाएगा तब प्रशासन को और जबरदस्त मुस्तैदी दिखानी होगी.

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सिर्फ दिल्ली और उत्तर प्रदेश ही नहीं, भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश से अचानक आई बाढ़ कहर ढा रही है, तो पंजाब और हरियाणा में भी सामान्य से ज्यादा बारिश मुसीबत बन गई है.

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