हथिनीकुंड से जो तबाही दिल्ली पहुंच रही है, रास्ते में तमाम पड़ावों में कहर बरपा रही है. यमुनानगर, करनाल, पानीपत, अंबाला हर जगह पानी ही पानी फैला है. खतरे को देखते हुए फरीदाबाद और मथुरा में लोग घर छोड़ भागने लगे हैं.
फरीदाबाद के दुल्हापुर गांव में लाउडस्पीकर से बाढ़ के खतरे से आगाह किया जा रहा है. यमुना में सैलाब का संकट बढ़ते ही फरीदाबाद में यमुना से सटे 18 गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया है. चार गाँव खाली करने के आदेश दे दिए हैं. प्रशासन ने फौज की मदद मांगी है. हालात को देखते हुए लोग भी घर छोड़ जाने लगे हैं.
ऐसा ही खतरा मथुरा पर भी मंडरा रहा है. यमुना से दो हफ्ते पहले आया बाढ़ का पानी अभी निकला भी नहीं है कि नई मुसीबत आ खड़ी हुई है. चिंतित लोग सामान समेट कर छतों पर डेरा जमाने लगे हैं. कई लोग तो सुरक्षित जगह की तलाश में निकल पड़े हैं.
दरअसल, ये खतरा पैदा हुआ है हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी से, जो यमुनानगर और करनाल में पहले ही रौद्र रूप दिखा चुकी है. ये मंजर हरियाणा के यमुनानगर जिले का है. घर, मुहल्ले, स्कूल, बगीचे.. हर जगह सैलाब ही नजर आ रहा है. बाढ़ यमुनानगर पोंटा साहिब के बीच में बीस फुट तक सड़क बहा ले गई है. हरियाणा और हिमाचल प्रदेश का मुख्य सड़क से संपर्क टूट चुका है.
हथिनीकुंड के पानी ने करनाल को भी मुसीबत में डाल दिया. हथिनीकुंड बराज से लगातार छोड़े गए पानी की वजह से अम्बाला-देहरादून हाईवे पर बाढ़ आ गई. दिल्ली, चंडीगढ़, अम्बाला को उत्तराखंड से जोड़ने वाले एन एच-73 को बाढ़ की वजह से सहारनपुर के पास बंद कर दिया गया है.