चारा घोटाले के चौथे मामले (दुमका कोषागार) में विशेष सीबीआई अदालत ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को 7-7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने लालू पर 30-30 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. अभी फैसले की कॉपी बाहर नहीं आई है. यह भी कहा जा रहा है कि दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी. अगर ऐसा हुआ तो लालू को 14 साल की सजा भुगतनी पड़ेगी. गौरतलब है कि इससे पहले चारा घोटाला के तीन अन्य मामलों में लालू यादव जेल की सजा काट रहे हैं.
क्या है दुमका कोषागार मामला
चारा घोटाला का चौथा मामला जिसमें सजा सुनाई गई है वो दुमका कोषागार से जुड़ा हुआ है. लालू यादव पर आरोप था कि उन्होंने 1995 और 96 के बीच बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी की. इस मामले में लालू समेत पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और 29 अन्य लोग आरोपी थे. चारा घोटाले में केस नंबर आरसी 38A/96 के तहत लालू पर दर्ज यह मामला दुमका कोषागार से तकरीबन 3.13 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है.
इसके पहले इन तीन मामलों में हो चुकी है लालू को सजा
- चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी का मामला.
- देवघर कोषागार से 89.5 लाख की अवैध निकासी का मामला.
- चाईबासा कोषागार से ही 30 करोड़ रुपये की अवैध निकासीका मामला.
गौरतलब है कि चारा घोटाले मामले को लेकर लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 6 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें से 5 झारखंड में और एक बिहार में दर्ज है.
किस मामले में कितने साल की सजा
-पहले मामले में लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई
-दूसरे मामले में 3.5 साल की सजा
-तीसरे मामले में 5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है
पहले तीन मामलों में लालू यादव को 13.5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है.
किस मामले में कितना जुर्माना
चाईबासा कोषागार के पहले मामले में 25 लाख रुपये का जुर्माना
देवघर कोषागार मामले में 5 लाख रुपये जुर्माना
चाईबासा कोषागार मामले में 10 लाख रुपये का जुर्माना
रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है लालू
लालू प्रसाद यादव 13.5 साल की सजा काट रहे हैं. फिलहाल लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में चारा घोटाले के दूसरे मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को 3.5 साल की सजा मिली थी. इस मामले में जमानत के लिए लालू ने झारखंड कोर्ट में अपील की थी लेकिन उनकी अपील को ठुकरा दिया गया था.
पांचवा फैसला सबसे बड़ा
चारा घोटाले का पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. जो चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है. इसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है. फिलहाल इस मामले में भी सुनवाई लगातार जारी है.