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फुटबॉल विश्‍वकप का आज होगा आगाज

धड़कनें बढ़ रही हैं, बुखार तेज हो रहा है, काउंटडाउन खत्म होने को है. आज शाम एक महीने तक चलने वाला फुटबॉल वर्ल्डकप शुरू हो जाएगा. ये सिर्फ एक खेल की जंग नहीं होगी, मैदान के अंदर होने वाला विश्वयुद्ध होगा.

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धड़कनें बढ़ रही हैं, बुखार तेज हो रहा है, काउंटडाउन खत्म होने को है. आज शाम एक महीने तक चलने वाला फुटबॉल वर्ल्डकप शुरू हो जाएगा. ये सिर्फ एक खेल की जंग नहीं होगी, मैदान के अंदर होने वाला विश्वयुद्ध होगा.

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दक्षिण अफ्रीका दुनिया का एक ऐसा हिस्सा है, जिसके रग-रग में फुटबॉल बसता है. फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी इस देश के लिए किसी क्रांति से कम नहीं है. दक्षिण अफ्रीका ही नहीं, पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में फुटबॉल की वही अहमियत है जो भारत में क्रिकेट की. हालांकि अफ्रीकी महाद्वीप के देशों ने फुटबॉल में अब तक ऐसी कोई कामयाबी हासिल नहीं की है जिसे याद किया जाये, लेकिन सच ये भी है कि फुटबॉल यहां के लोगों के खून में बसता है.

यहां मुल्क की नौजवान पीढ़ी के सपनों का एक बड़ा आधार है फुटबॉल, इसलिए एक तरह से फुटबॉल वर्ल्ड कप की ये घर वापसी है.. ये मुकाबले 9 शहरों के दस स्टेडिमों में होंगे. इसके लिए सभी 32 टीमें ताल ठोंककर तैयार हैं. इन बत्तीस टीमों को आठ ग्रुपों में बांटा गया है. हर ग्रुप से 2-2 टीमें प्री क्वार्टरफाइनल राउंड में पहुंचेंगी और यहीं से शुरू हो जायेगा नॉकआउट यानी यहां मैच हारते ही टूर्नामेंट से विदाई हो जायेगी.{mospagebreak}इसका कोई मायने नहीं होगा कि ग्रुप स्तर पर किस टीम ने कितने मैच जीते थे. यहां से छंटकर कुल 8 टीमें क्वार्टर फ़ाइनल में पहुंचेंगी. टूर्नामेंट का फ़ाइनल ओपनिंग के ठीक एक महीने बाद यानी 11 जुलाई को होगा.

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इस बार चमचमाती ट्रॉफी के लिए सबसे मजबूत दावा ब्राजील और अर्जेंटीना का माना जा रहा है, हालांकि इटली डिफेंडिंग चैंपियन है, लेकिन इस बार इस टीम को उतना भाव नहीं मिल रहा है और ना ही रनरअप रहे फ्रांस को. खैर, ये खेल तालमेल और ताकत का है. इसमें वो टीम ही बाज़ी मारेगी जो दोनों ही मोर्चे पर अव्वल रह सके.

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