भारतीय सैनिकों की हत्या पर अपने जवाब से विपक्षी दलों के निशाने पर आए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि सशस्त्र बल पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा पर उत्पन्न स्थिति का उपयुक्त जवाब देने को आजाद हैं.
एंटनी ने यहां कहा, 'सशस्त्र बलों को वहां (नियंत्रण रेखा पर) पैदा हुए हालात का उपयुक्त ढंग से जवाब देने की पूरी आजादी है.' वह 37 हजार 500 टन वाले विमान वाहक INS विक्रांत का जलावतरण करने के बाद संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे.
हालांकि रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा पर अशांत स्थिति, पाकिस्तान सेना द्वारा बार-बार संघर्ष विराम उल्लंघन पर किसी भी सवाल का जवाब देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि संसद सत्र चल रहा है और वह संसद के बाहर बयान नहीं दे सकते.
उन्होंने 6 अगस्त को पाकिस्तानी सैनिकों के हाथों भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर रुख में तब्दीली पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. इस मुद्दे पर उनके बयान को लेकर विपक्ष ने संसद में उनके खिलाफ जोरदार मुहिम छेड़ दी थी, जिसके बाद उन्हें अपना बयान वापस लेना पड़ा और उन्होंने इस नृशंस घटना के लिए पूरी तरह पाकिस्तान सेना को जिम्मेदार ठहराया.
नौसेना के कार्यक्रमों के बारे में एंटनी ने कहा कि काफी विलंब के बाद रक्षा मंत्रालय ने और पनडुब्बियों के लिए प्रस्ताव तैयार किया है और उसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति के पास भेजा है.
रूस से एडमिरल गोर्शकोव और अब आईएनएस विक्रमादित्य नाम से पहचाने जाने वाले विमान वाहक के काफी विलंब से शामिल किए जाने के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा, 'मुझे आशा है कि इस साल के आखिर तक जहाज मिल जाएगा.' तीन साल की बातचीत के बाद भी अमेरिका द्वारा हॉवित्जर तोपों के दाम बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'अंतिम रूप से कुछ भी तय नहीं हुआ है. इस सिलसिले में हमें अभी सफर करना है.' भारत यह तोप खरीदना चाहता है.
एंटनी ने यह भी कहा कि दूसरे स्वदेशी विमान वाहक पर काम शुरू करने का अभी तक कोई निश्चित प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा, 'इंतजार कीजिए और धीरज रखिए.' उन्होंने स्वदेशी तरीके से विकसित पनडुब्बी आईएनएन अरिहंत को शामिल करने की समय सीमा बताने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि सभी चीजें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही है.